स्वागत है मेरे पोस्ट में। इस पोस्ट में हम एक प्रेरणादायक कहानी "बंदर और खरगोश" के बारे में जानेंगे। यह कहानी हमें दोस्ती और सच्चे साथी होने के महत्व के बारे में बताती है। आइए, इस कहानी के माध्यम से सीखें कि कैसे सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। सच्चे दोस्त बिना स्वार्थ के एक-दूसरे का साथ देते हैं।
बंदर और खरगोश की कहानी Bandar Aur Khargosh Ki Kahani
एक घने जंगल में एक बंदर और एक खरगोश रहते थे। दोनों की दोस्ती बहुत गहरी थी। वे हमेशा साथ रहते, खेलते और एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल रहते।
एक दिन खेलते-खेलते बंदर ने कहा, “मित्र खरगोश क्यों न हम कोई नया खेल खेलें?”
खरगोश ने मुस्कुराते हुए पूछा, “बता क्या खेल खेलना है तुम्हें?”
बंदर ने जवाब दिया, “आओ, आज हम आँख-मिचोली खेलते हैं।”
खरगोश ने उत्साहित होकर हामी भरी, “वाह, यह तो मज़ेदार होगा!”
जैसे ही वे खेलने लगे उन्होंने देखा कि जंगल के सभी जानवर इधर-उधर भाग रहे हैं। बंदर ने फुर्ती से पास से भाग रही लोमड़ी को रोका और पूछा, “अरे, सब क्यों भाग रहे हैं?”
लोमड़ी ने घबराते हुए कहा, “जंगल में एक शिकारी आया है और हम सब अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। तुम भी जल्दी भागो नहीं तो शिकारी तुम्हें पकड़ लेगा।” इतना कहकर लोमड़ी तेजी से वहां से चली गई।
लोमड़ी की बात सुनकर बंदर और खरगोश भी डर कर जंगल से भागने लगे। वे काफी दूर निकल आए और अब उन्हें शाम हो चली थी। थकान और प्यास के कारण बंदर ने कहा, “मित्र खरगोश, चलो अब थोड़ा आराम कर लें।”
खरगोश ने कहा, “हाँ, मुझे भी बहुत प्यास लगी है। चलो पहले पानी ढूंढ़ लेते हैं।”
वे पानी की तलाश में आगे बढ़े और जल्द ही उन्हें एक मटका मिला जिसमें थोड़ा सा पानी था। अब समस्या यह थी कि पानी कम था, और दोनों ही अपने दोस्त को पहले पानी पिलाना चाहते थे।
खरगोश ने कहा, “तुम पानी पी लो, बंदर मित्र। तुम्हें ज़्यादा प्यास लगी होगी।”
बंदर ने भी मना करते हुए कहा, “अरे नहीं, तुम्हें प्यास लगी है। तुम पानी पी लो।”
दोनों एक-दूसरे के लिए त्याग करने को तैयार थे। तभी पास से हाथी गुज़रा और उनकी बातों को सुनने के बाद हंसते हुए बोला, “तुम दोनों क्यों नहीं आधा-आधा करके पानी पी लेते हो? इससे दोनों की प्यास बुझ जाएगी।”
हाथी का सुझाव सुनकर दोनों मित्रों को यह बात सही लगी। उन्होंने पानी को आधा-आधा कर पी लिया और फिर आराम करने लगे।
इस कहानी की शिक्षा
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची दोस्ती में त्याग और एक-दूसरे का ख्याल रखने का महत्व होता है। सच्चे मित्र वही होते हैं जो अपने स्वार्थ को परे रखकर एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ दें।
यह प्रेरणादायक कहानी “बंदर और खरगोश” दोस्ती और त्याग की सच्ची मिसाल है। इस कहानी में जंगल के दो मित्र बंदर और खरगोश शिकारी से बचकर भागते हुए थक जाते हैं। उन्हें बहुत प्यास लगी जाती है। मटके में कम पानी देखकर दोनों अपने मित्र को पहले पानी पिलाने की कोशिश करते हैं। उनकी निस्वार्थ भावना को देखकर हाथी उन्हें पानी बांटने का सुझाव देता है। यह कहानी सच्ची दोस्ती का महत्व सिखाती है। जहां दोस्त हमेशा एक-दूसरे के हित की सोचते हैं।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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