एकता की शक्ति - जंगल की कहानी
एक घने जंगल में एक हाथी और एक बकरी रहते थे। वे दोनों गहरे दोस्त थे और हमेशा साथ रहते थे। हर रोज़, वे जंगल में भोजन की तलाश में निकलते और जो भी मिलता, उसे मिल-बांटकर खाते। उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि कोई भी चुनौती सामने आती, तो वे साथ मिलकर उसका सामना करते।
एक दिन, खाने की तलाश में वे दोनों जंगल से दूर निकल गए। चलते-चलते उन्हें एक तालाब दिखाई दिया। तालाब के पास एक बड़ा बेर का पेड़ था, जिस पर ढेर सारे मीठे बेर लगे थे। यह देखकर दोनों बहुत खुश हुए, क्योंकि उन्हें भूख लगी थी और पके हुए बेर उन्हें बहुत पसंद थे।
हाथी ने अपने बड़े-बड़े पैरों से पास जाकर पेड़ को ज़ोर से हिलाया। पेड़ के हिलते ही पके हुए बेर जमीन पर गिरने लगे। बकरी तुरंत जमीन पर गिरे बेरों को इकठ्ठा करने लगी और मजे से खाने लगी।
लेकिन जैसे ही पेड़ हिला, एक अनहोनी हो गई। उसी पेड़ पर एक चिड़िया का घोंसला था, जिसमें उसका छोटा बच्चा सो रहा था। चिड़िया खुद खाना खोजने बाहर गई हुई थी। पेड़ के हिलने से उसका बच्चा घोंसले से गिरकर तालाब में जा पड़ा और डूबने लगा।
बकरी ने जब चिड़िया के बच्चे को डूबते देखा, तो वह उसे बचाने के लिए तुरंत तालाब में कूद गई। लेकिन उसे तैरना नहीं आता था, इस कारण खुद भी डूबने लगी। हाथी ने यह सब देखा, तो वह भी तुरंत तालाब में कूद पड़ा और अपनी सूंड से चिड़िया के बच्चे और बकरी को बाहर निकाल लाया।
इतने में चिड़िया भी वापस आ गई। उसने जब देखा कि उसका बच्चा सुरक्षित है और हाथी और बकरी ने उसकी जान बचाई है, तो उसका दिल भर आया। आभार स्वरूप उसने हाथी और बकरी से कहा कि वे उसके साथ तालाब के पास इसी बेर के पेड़ के नीचे रहने लगें।
हाथी, बकरी, और चिड़िया अब एक नए तरह के परिवार की तरह वहां साथ रहने लगे। चिड़िया जंगल में घूम-घूमकर हर दिन नयी-नयी जगहों का पता लगाती और हाथी और बकरी को बताती कि किस पेड़ पर ताज़ा फल लगे हैं। इस तरह उनकी ज़िंदगी मज़े और दोस्ती में कटने लगी।
इस कहानी की सीख
हाथी ने अपने बड़े-बड़े पैरों से पास जाकर पेड़ को ज़ोर से हिलाया। पेड़ के हिलते ही पके हुए बेर जमीन पर गिरने लगे। बकरी तुरंत जमीन पर गिरे बेरों को इकठ्ठा करने लगी और मजे से खाने लगी।
लेकिन जैसे ही पेड़ हिला, एक अनहोनी हो गई। उसी पेड़ पर एक चिड़िया का घोंसला था, जिसमें उसका छोटा बच्चा सो रहा था। चिड़िया खुद खाना खोजने बाहर गई हुई थी। पेड़ के हिलने से उसका बच्चा घोंसले से गिरकर तालाब में जा पड़ा और डूबने लगा।
बकरी ने जब चिड़िया के बच्चे को डूबते देखा, तो वह उसे बचाने के लिए तुरंत तालाब में कूद गई। लेकिन उसे तैरना नहीं आता था, इस कारण खुद भी डूबने लगी। हाथी ने यह सब देखा, तो वह भी तुरंत तालाब में कूद पड़ा और अपनी सूंड से चिड़िया के बच्चे और बकरी को बाहर निकाल लाया।
इतने में चिड़िया भी वापस आ गई। उसने जब देखा कि उसका बच्चा सुरक्षित है और हाथी और बकरी ने उसकी जान बचाई है, तो उसका दिल भर आया। आभार स्वरूप उसने हाथी और बकरी से कहा कि वे उसके साथ तालाब के पास इसी बेर के पेड़ के नीचे रहने लगें।
हाथी, बकरी, और चिड़िया अब एक नए तरह के परिवार की तरह वहां साथ रहने लगे। चिड़िया जंगल में घूम-घूमकर हर दिन नयी-नयी जगहों का पता लगाती और हाथी और बकरी को बताती कि किस पेड़ पर ताज़ा फल लगे हैं। इस तरह उनकी ज़िंदगी मज़े और दोस्ती में कटने लगी।
इस कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी की मुसीबत में मदद करना इंसानियत का सबसे बड़ा काम है। अगर हमारे कारण किसी को कोई परेशानी होती है, तो उसे सुधारने का प्रयास करना चाहिए। हमें दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए, और दोस्ती और एकता में ही ताकत होती है।
कहानी की प्रासंगिकता
इस कहानी का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विशेष महत्त्व है, जिसे हमें अच्छे से समझना चाहिए । आज के समय में, जब समाज में स्वार्थ और व्यक्तिगत हितों की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, यह कहानी हमें एकता, सहयोग, और दयाभाव का मूल्य समझाती है। हाथी और बकरी की कहानी यह बताती है कि कठिनाइयों का सामना करने के लिए हमें मिल-जुलकर काम करना समस्या का सामना करना चाहिए, चाहे हमारी पृष्ठभूमि या स्वभाव, परिस्थिया कितना भी अलग क्यों न हो।अगर हमारी गलती से किसी को परेशानी होती है, तो उसे स्वीकार कर, उसके परिणामों का सुधार करना चाहिए। यह बात आज के समय में खासतौर पर महत्त्वपूर्ण है, जब अक्सर लोग अपनी गलतियों का दोष दूसरों पर डाल देते हैं। कहानी यह संदेश देती है कि अगर हम एक-दूसरे के साथ खड़े रहें, तो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं और एक सुखी, संतोषजनक जीवन जी सकते हैं। यह कहानी हमें वर्तमान समाज में दया, सहानुभूति, और एकता का महत्व समझाती है, जो हमारे समाज को अधिक समृद्ध, शांतिपूर्ण और मजबूत बना सकती है। अपने भीतर मानवीय गुणों को लायें.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |