झुन्झणवाली की ध्वजा दादी भजन Jhunjhanwali Ki Dhwaja Bhajan

झुन्झणवाली की ध्वजा दादी भजन Jhunjhanwali Ki Dhwaja


Jhunjhanwali Ki Dhwaja Bhajan

अपने परिवार पे दादी,
किरपा बरसाती है,
मेरे घर पर झुंझणवाली की,
ध्वजा लहराती है।।

जब जब ध्वजा लहरायें,
हर संकट है घबरायें,
माँ की चुनड़ी जब लहरायें,
मुझपे ममता बरसायें,
संकट आने से हो,
संकट आने से पहले,
माँ खुद आ जाती है,
मेरे घर पर झुंझणवाली की,
ध्वजा लहराती है।।

जब जब दु:ख ने मुझे घेरा,
जब छाया घोर अंधेरा,
दादी ने मुझे संभाला,
हर संकट से है निकाला,
अपने बच्चों को दादी,
दु:ख में देख ना पाती है,
मेरे घर पर झुंझणवाली की,
ध्वजा लहराती है।।

ध्वजा केसरिया प्यारी,
जिसमें गोटा और तारी,
सारी दुनिया में है न्यारी,
करे भक्तों की रखवारी,
गोदी में बिठाके दादी,
‘मधु’ का लाड लड़ाती है,
मेरे घर पर झुंझणवाली की,
ध्वजा लहराती है।।

अपने परिवार पे दादी,
किरपा बरसाती है,
मेरे घर पर झुंझणवाली की,
ध्वजा लहराती है।।


झुन्झणवाली की ध्वजा JHUNJHUNWALI KI DHWAJA राणीसती दादी भजन

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Apne Parivaar Pe Daadi,
Kirpa Barsati Hai,
Mere Ghar Par Jhunjhunwali Ki,
Dhvajaa Laharati Hai।।

Jab Jab Dhvajaa Laharayein,
Har Sankat Hai Ghabrayein,
Maa Ki Chundri Jab Laharayein,
Mujhpe Mamta Barsayein,
Sankat Aane Se Ho,
Sankat Aane Se Pehle,
Maa Khud Aa Jaati Hai,
Mere Ghar Par Jhunjhunwali Ki,
Dhvajaa Laharati Hai।।

Jab Jab Dukh Ne Mujhe Ghera,
Jab Chhaya Ghor Andhera,
Daadi Ne Mujhe Sambhala,
Har Sankat Se Hai Nikaala,
Apne Bachchon Ko Daadi,
Dukh Mein Dekh Na Paati Hai,
Mere Ghar Par Jhunjhunwali Ki,
Dhvajaa Laharati Hai।।

Dhvajaa Kesariya Pyari,
Jismein Gota Aur Taari,
Saari Duniya Mein Hai Nyari,
Kare Bhakton Ki Rakhwari,
Godi Mein Bithake Daadi,
Madhu Ka Laad Ladati Hai,
Mere Ghar Par Jhunjhunwali Ki,
Dhvajaa Laharati Hai।।

Apne Parivaar Pe Daadi,
Kirpa Barsati Hai,
Mere Ghar Par Jhunjhunwali Ki,
Dhvajaa Laharati Hai।। 

झुंझणवाली दादी मां का आशीर्वाद उनके भक्तों पर सदैव बना रहता है। संकट के समय दादी स्वयं आकर भक्तों की रक्षा करती हैं। उनकी ध्वजा केसरिया रंग की होती है, जिसमें गोटा और तारी की सजावट होती है। यह ध्वजा हर घर में सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। झुंझणवाली दादी मां अपने भक्तों को प्रेमपूर्वक गोद में बिठाकर उनका लाड़ करती हैं और उनकी हर कठिनाई को दूर करती हैं।
 
Bhajan: JHUNJHUNWALI KI DHWAJA ,झुन्झणवाली की ध्वजा
Singer & Lyricist: Madhu Kedia

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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