तेनालीराम की चतुराई कहानी Tenaliram Ki Chaturai Kahani

आज हम जानेंगे एक दिलचस्प कहानी जिसका शीर्षक है "तेनालीराम की चतुराई (Tenaliram Ki Chaturai)" ये कहानी हमें बताती है कि किस प्रकार तेनालीराम ने अपनी बुद्धिमत्ता से एक मुश्किल मामले का हल निकाला और अपने राजा के सामने अपने फैसले की उपयोगिता साबित की। इस कहानी से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं, खासकर जब बात हो चतुराई और समझदारी से किसी समस्या को हल करने की। तो आइये, जानते हैं इस कहानी को विस्तार से।

तेनालीराम की चतुराई कहानी

एक दिन, एक घोड़ों का विदेशी व्यापारी राजा कृष्णदेव राय के दरबार में आया। उसने बताया कि वह कुछ अच्छे नस्ल के घोड़े बेचने के लिए आया है। राजा ने घोड़ों को खरीदने की अपनी इच्छा जताई और व्यापारी को 5000 सोने के सिक्कों की पेशगी देकर दो दिन में घोड़े लेकर आने का वादा किया। व्यापारी ने धन लेकर वहां से रवाना किया।
 

उस शाम, राजा ने तेनालीराम को कागज़ पर कुछ लिखते देखा। "तुम क्या लिख रहे हो, तेनालीराम?" राजा ने पूछा।
"महाराज, मैं साम्राज्य के महान मूर्खों की एक सूची बना रहा हूँ," तेनालीराम ने जवाब दिया।

राजा यह सुनकर चौंक गए और देखा कि सूची में सबसे पहला नाम उनका था। "इसका क्या मतलब है?" राजा ने गुस्से में कहा, "तुम मुझे मूर्ख समझते हो?"
तेनालीराम मुस्कुराते हुए बोले, "महाराज, जो व्यक्ति एक अनजान आदमी को 5000 सोने के सिक्के देगा और उसकी वापसी की उम्मीद करेगा, वह मूर्ख ही कहलाएगा।"
राजा ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "अगर वह व्यापारी वापस आ जाए तो क्या होगा?"
तेनालीराम ने अपने चेहरे पर एक हल्की मुस्कान लाते हुए जवाब दिया, "उस स्थिति में मैं आपका नाम हटा दूँगा और उस व्यापारी का नाम जोड़ दूँगा।"
तेनालीराम की समझदारी का एक और किस्सा

एक और दिन, दो व्यक्ति तेनालीराम के पास अपनी समस्या लेकर आए। एक किसान ने शिकायत की कि उसने एक बेशकीमती हीरा गाँव के बुजुर्ग के पास सुरक्षित रखने के लिए दिया था, लेकिन अब वह उसे लौटाने से इनकार कर रहा है।
तेनालीराम ने उस बुजुर्ग से पूछा, "क्या यह सच है?"
बुजुर्ग कुछ समय तक सोच में पड़ा रहा और फिर उसने किसान को अपनी लाठी सौंप दी। उसने शपथ ली कि उसने हीरा किसान को लौटा दिया है और वापस अपनी लाठी मांगने लगा।

तेनालीराम ने कहा, "रुको! यह लाठी किसान को दी जाएगी। जब तुम अपने घर सुरक्षित पहुँच जाओ, तब इसे तोड़ देना।"
किसान थोड़ी निराशा के साथ लाठी लेकर चला गया, पर उसने तेनालीराम के निर्देशों का पालन किया। जब उसने घर पहुँचकर लाठी तोड़ी, तो उसमें से वह हीरा निकल आया। तेनालीराम ने अपनी बुद्धिमानी से किसान को उसका हीरा वापस दिलवा दिया।

कहानी से सीख (Moral of the Story)
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी स्थिति में धैर्य और समझदारी का उपयोग करके, बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। तेनालीराम की चतुराई और सूझबूझ हमें यह बताती है कि विवेकपूर्ण निर्णय और ठोस तर्क हमेशा काम आते हैं।


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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