मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सिर झुकाना

मुझे रास आ गया है  तेरे दर पे सिर झुकाना


मुझे रास आ गया है, 
तेरे दर पे सिर झुकाना,
तुझे मिल गया पुजारी, 
मुझे मिल गया ठिकाना…

सिर को यहाँ झुका लो,
मुँह माँगा वर यहाँ पा लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का…

सच्चे मन से जो भी, 
इनके चरणों में आ जाएगा,
पाप कटेंगे उसके, 
बरसाने जो जाएगा,
राधे के दर्शन कर लो,
तुम झोली अपनी भर लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का…

यही है वो ज्योति, 
जिसकी रोशनी ने जग उजियारा,
भूलों को राह दिखाए, 
राधे जी का ये द्वारा,
मन की मुरादें पा लो,
गुणगान इनका गा लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का…

यही है वो द्वार, 
जो जग से सबसे निराला है,
चरणों का चाकर यहाँ, 
नंद जू का लाला है,
राधे के गुण तुम गा लो,
गोविंद के दर्शन पा लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का…


यही है वो द्वार राधे रानी का | Radha Rani Beautiful Bhajan | Pt. Govinda Sharma (Radha Vallavas)

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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