पाप मिटेंगें पुण्य बढ़ेंगें करो कुंभ स्नान
पाप मिटेंगें पुण्य बढ़ेंगें करो कुंभ स्नान ये है संगम नगरी
पाप मिटेंगें पुण्य बढ़ेंगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेंगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी।
बरसों के बाद भैया,
ऐसा ये अवसर आया है,
देव और दनुज को,
सबके मन को ये भाया है,
संत दर्श कर डुबकी लगा लो,
आओ गुण का करो गान,
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेंगें पुण्य बढ़ेगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी।
दुनिया के लोग आए,
देख कर हुए हैं सब दंग रे,
जमुना और सरस्वती के,
संग में बह माता गंग रे,
त्रिवेणी संगम की धारा,
करती है कल्याण,
चलो भाई संगम नगरी।
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेंगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी।
जोगी जपी बैरागी,
सब ने आकर के डेरा डाला है,
संतो के दर्शन करके,
मन ये हुआ मतवाला है,
दास धीरेंद्र भी झूम झूम कर,
करे कथा का ज्ञान,
चलो भई संगम नगरी।
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेंगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेंगें पुण्य बढ़ेगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी,
चलो भई संगम नगरी,
हम करें कुंभ स्नान,
हम आ गये संगम नगरी,
हम आ गये प्रयाग नगरी।
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेंगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी।
बरसों के बाद भैया,
ऐसा ये अवसर आया है,
देव और दनुज को,
सबके मन को ये भाया है,
संत दर्श कर डुबकी लगा लो,
आओ गुण का करो गान,
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेंगें पुण्य बढ़ेगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी।
दुनिया के लोग आए,
देख कर हुए हैं सब दंग रे,
जमुना और सरस्वती के,
संग में बह माता गंग रे,
त्रिवेणी संगम की धारा,
करती है कल्याण,
चलो भाई संगम नगरी।
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेंगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी।
जोगी जपी बैरागी,
सब ने आकर के डेरा डाला है,
संतो के दर्शन करके,
मन ये हुआ मतवाला है,
दास धीरेंद्र भी झूम झूम कर,
करे कथा का ज्ञान,
चलो भई संगम नगरी।
पाप मिटेगें पुण्य बढ़ेंगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है संगम नगरी,
पाप मिटेंगें पुण्य बढ़ेगें,
करो कुंभ स्नान,
ये है प्रयाग नगरी,
चलो भई संगम नगरी,
हम करें कुंभ स्नान,
हम आ गये संगम नगरी,
हम आ गये प्रयाग नगरी।
प्रयागराज को ही संगम नगरी कहा जाता है। यह बहुत ही पावन तीर्थस्थल है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। कुंभ स्नान का भी यहां विशेष महत्व है। इसे मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति का मार्ग माना गया है। लाखों श्रद्धालु आस्था और विश्वास के साथ संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ करते हैं। यह पवित्र भूमि संत-महात्माओं, धार्मिक अनुष्ठानों और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी रहती है। कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज अद्भुत दिव्यता और भक्ति के रंग में रंग होता है। महाकुंभ 2025 के समय यहां करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और धार्मिक एवं आध्यात्मिक शांति पा रहे हैं।
ये गाना मैंने प्रयागराज महाकुंभ पर खुद ने लिखा है-बागेश्वर धाम सरकार #bageshwardhamsarkar #mahakumbh
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
You may also like
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
