दिवाने मन भजन बिना दुख पैहौ भजन Diwane Man Bhajan

दिवाने मन भजन बिना दुख पैहौ भजन Diwane Man Bhajan

 
दिवाने मन भजन बिना दुख पैहौ भजन Diwane Man Bhajan

दिवाने मन भजन बिना दुख पैहौ,
पहिला जनम भूत का पै हौ सात जनम पछिताहौ,
कॉंटा पर का पानी पैहौ प्यासन ही मरि जैहौ,
दूजा जनम सुवा का पैहौ बाग बसेरा लैहौ,
टूटे पंख मॅंडराने अधफड प्रान गॅंवैहौ,
बाजीगर के बानर हो हौ लकडिन नाच नचैहौ,
ऊॅंच नीच से हाय पसरि हौ मॉंगे भीख न पैहौ,
तेली के घर बैला होहौ ऑंखिन ढॉंपि ढॅंपैहौ,
कोस पचास घरै मॉं चलिहौ बाहर होन न पैहौ,
पॅंचवा जनम ऊॅंट का पैहौ बिन तोलन बोझ लदैहौ,
बैठे से तो उठन न पैहौ खुरच खुरच मरि जैहौ,
धोबी घर गदहा होहौ कटी घास नहिं पैंहौ,
लदी लादि आपु चढि बैठे लै घटे पहुॅंचैंहौ,
पंछिन मॉं तो कौवा होहौ करर करर गुहरैहौ।
उडि के जय बैठि मैले थल गहिरे चोंच लगैहौ,
सत्तनाम की हेर न करिहौ मन ही मन पछितैहौ,
कहै कबीर सुनो भै साधो नरक नसेनी पैहौ,
 

दिवाने मन भजन बिना दुख पैहौ भजन

Divaane Man Bhajan Bina Dukh Paihau,
Pahila Janam Bhut Ka Pai Hau Saat Janam Pachhitaahau,
Konta Par Ka Paani Paihau Pyaasan Hi Mari Jaihau,
Duja Janam Suva Ka Paihau Baag Basera Laihau,
Tute Pankh Maindaraane Adhaphad Praan Gainvaihau,

Baajigar Ke Baanar Ho Hau Lakadin Naach Nachaihau,
uainch Nich Se Haay Pasari Hau Monge Bhikh Na Paihau,
Teli Ke Ghar Baila Hohau Onkhin Dhompi Dhaimpaihau,
Kos Pachaas Gharai Mon Chalihau Baahar Hon Na Paihau,
Painchava Janam uaint Ka Paihau Bin Tolan Bojh Ladaihau,
Baithe Se To Uthan Na Paihau Khurach Khurach Mari Jaihau,
Dhobi Ghar Gadaha Hohau Kati Ghaas Nahin Painhau,
Ladi Laadi Aapu Chadhi Baithe Lai Ghate Pahuainchainhau,
Panchhin Mon To Kauva Hohau Karar Karar Guharaihau.
Udi Ke Jay Baithi Maile Thal Gahire Chonch Lagaihau,
Sattanaam Ki Her Na Karihau Man Hi Man Pachhitaihau,
Kahai Kabir Suno Bhai Saadho Narak Naseni Paihau,

दिवाने मन भजन बिना दुख पैहो,
पहिला जनम भूत का पै हौ सात जनम पछिताहो,
कॉंटा पर का पानी पैहौ प्यासन ही मरि जैहो,
दूजा जनम सुवा का पैहौ बाग बसेरा लैहो,
टूटे पंख मॅंडराने अधफड प्रान गॅंवैहो,
बाजीगर के बानर हो हौ लकडिन नाच नचैहो,
ऊॅंच नीच से हाय पसरि हौ मॉंगे भीख न पैहो,
तेली के घर बैला होहौ ऑंखिन ढॉंपि ढॅंपैहो,
कोस पचास घरै माँ चलिहौ बाहर होन न पैहो,
पॅंचवा जनम ऊॅंट का पैहौ बिन तोलन बोझ लदैहो,
बैठे से तो उठन न पैहौ खुरच खुरच मरि जैहो,
धोबी घर गदहा होहौ कटी घास नहीं पैहो,
लदी लादि आपू चढि बैठे लै घटे पहुॅंचैहो,
पंछिन मॉं तो कौवा होहौ करर करर गुहरैहो,
उडि के जय बैठि मैले थल गहिरे चोंच लगैहो,
सत्तनाम की हेर न करिहौ मन ही मन पछितैहो,
कहै कबीर सुनो भै साधो नरक नसेनी पैहो,
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

+

1 टिप्पणी

  1. good bhajan hai ji