मत बाँधो गठरिया अपजस की लिरिक्स Mat Bandho Gathariya Apjas Ki Lyrics
मत बाँधो गठरिया अपजस की लिरिक्स Mat Bandho Gathariya Apjas Ki Lyrics
मत बाँधो गठरिया, अपजस की
संसार मेघ की छाया,
करो कमाई हरि-रस की
जोर जवानी ढलक जायगी,
बाल अवस्था दस दिन की
धर्मदूत जब फाँसी दारे,
खबर लेत तेरी नस नस की
कहत 'कबीर' सुनो भाई साधो,
बात नहीं तेरे बस की
मत बांधो गठरिया अपयश की,
अपयश रे पराये जस की,
मत बांधो गठरिया अपयश की।
बालपणो हस खेल गवायो,
बीती उमरिया दिन दस की,
मत बांधो गठरिया अपयश की।
यम का दूत मुकदरा मारे,
आटी निकाले थारी नस नस की,
मत बांधो गठरिया अपयश की।
मात पिता से मुख से न बोले,
तिरया से बाता करे घट घट की,
मत बांधो गठरिया अपयश की।
कहत कबीरा सुनो रे संता,
या दुनिया हे मतलब की,
मत बांधो गठरिया अपयश की
मत बांधो गठरिया अपयश की,
अपयश रे पराये जस की,
मत बांधो गठरिया अपयश की।