सुनायें गम की किसे कहानी

सुनायें गम की किसे कहानी

सुनायें गम की किसे कहानी
सुनायें गम की किसे कहानी हमें तो अपने सता रहे हैं ।
हमेशा सुबहो-शाम दिल पर सितम के खंजर चला रहे हैं ।

न कोई इंग्लिश न कोई जर्मन न कोई रशियन न कोई तुर्की,
मिटाने वाले हैं अपने हिन्दी जो आज हमको मिटा रहे हैं ।

कहाँ गया कोहिनूर हीरा किधर गयी हाय मेरी दौलत,
वह सबका सब लूट करके उल्टा हमीं को डाकू बता रहे हैं ।

जिसे फना वह समझ रहे हैं बका का है राज उसी में मुजमर,
नही मिटाये से मिट सकेंगे वह लाख हमको मिटा रहे हैं ।

जो है हुकूमत वह मुदद्ई जो अपने भाई हैं हैं वही दुश्मन,
गज़ब में जान अपनी आ गयी है क़ज़ा के पहलू में जा रहे हैं ।

चलो-चलो यारो रिंग थिएटर दिखाएँ तुमको वहाँ पे लिबरल,
जो चन्द टुकडों पे सीमोज़र के नया तमाशा दिखा रहे हैं।

खमोश हसरत खमोश हसरत अगर है जज़्बा वतन का दिल में,
सजा को पहुंचेंगे अपनी बेशक जो आज हमको फंसा रहे हैं ।

हृदय पर सतत चोट करने वाले खंजर अपने ही हैं, जो देश की आत्मा को घायल कर रहे हैं। कोहिनूर और दौलत की लूट का दर्द तब और गहरा होता है, जब लुटेरों द्वारा देशवासियों को ही दोषी ठहराया जाता है। जैसे सूरज को ढकने वाले बादल उसका प्रकाश नहीं छीन सकते, वैसे ही वतन की अमर आत्मा को मिटाने की कोशिशें व्यर्थ हैं।

हुकूमत और दुश्मनी का चेहरा जब अपने भाइयों में दिखे, तब जान खतरे में पड़ जाती है। गीत यह चेतावनी देता है कि कुछ लोग चंद टुकड़ों के लिए विदेशी तमाशों में लिप्त हैं, जो वतन की गरिमा को भूल गए। लेकिन अगर हृदय में देशप्रेम की ज्वाला है, तो सजा भी स्वीकार है। यह भाव आत्मा को जागृत करता है कि वतन की शान के लिए खामोश हसरत को बलिदान में बदलना होगा, ताकि देश फिर से गर्व और शांति के साथ खड़ा हो।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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