कस ली है कमर अब तो कुछ करके दिखाएंगे
कस ली है कमर अब तो कुछ करके दिखाएंगे
कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगेआज़ाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे।
हटने के नहीं पीछे, डरकर कभी जुल्मों से,
तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे।
बेशस्त्र नहीं हैं हम, बल है हमें चरख़े का,
चरख़े से ज़मीं को हम, ता चर्ख़ गुंजा देंगे।
परवा नहीं कुछ दम की, ग़म की नहीं, मातम की,
है जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे।
उफ़ तक भी जुबां से हम हरगिज़ न निकालेंगे,
तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका देंगे।
सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीका,
चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे।
दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान से कहते हैं,
ख़ूं से ही हम शहीदों के, फ़ौज बना देंगे।
मुसाफ़िर जो अंडमान के, तूने बनाए, ज़ालिम,
आज़ाद ही होने पर, हम उनको बुला लेंगे।
इस देशभक्ति गीत में स्वतंत्रता के लिए दृढ़ संकल्प और बलिदान की भावना प्रबल उदगार के साथ उभरती है। कमर कस लेने का संकल्प वह जज्बा है, जो कहता है कि अब आजादी हासिल होगी या प्राणों की आहुति दी जाएगी। जैसे वृक्ष तूफान में भी अडिग रहता है, वैसे ही देशवासी जुल्मों से डरकर पीछे नहीं हटते, बल्कि हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।
चरखा केवल सूत कातने का यंत्र नहीं, बल्कि आत्मबल और एकता का प्रतीक है, जो धरती से आकाश तक स्वर गूंजा देता है। जान हथेली पर रखकर, बिना उफ़ किए, फांसी को गले लगाने की हिम्मत यह दर्शाती है कि शहीदों का खून नई फौज खड़ी करेगा। अंडमान के बंदियों को आजाद कराने का वचन देश के हर कोने में स्वतंत्रता की लौ जलाने की प्रतिज्ञा है। यह गीत आत्मा को प्रेरित करता है कि बलिदान और संघर्ष से ही वतन का गौरव पुनर्जनन पाता है, और देशवासी शांति व सम्मान के साथ जी सकते हैं।
- वन्दे मातरम् राष्ट्रगीत हिंदी पीडीऍफ़ Vande Mataram
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |