Bin Bolya Sab Kichh Jaanada , Kis Aage Keeje Aradaas,
Babiha Sagalee Dharatee Je Phireh, Ud Chadhe Aakaash, Bin Bolya Sab Kichh Jaanada
Sataguru Milie Jal Paiye, Chooke Bhookh Pyaas, Bin Bolya Sab Kichh Jaanada
Jiyo Pind Sab Tis Ka, Sab Kichh Tis Kai Paas, Bin Bolya Sab Kichh Jaanada
Naanak Ghat-ghat Eko Varatada, Shabd Karai Pragaas, Bin Bolya Sab Kichh Jaanada वाहे गुरु वाहे गुरु ........... वाहे गुरु वाहे गुरु
बाणी, शब्द और कीर्तन सिख धर्म में बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे भक्ति और आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर चलने में मदद करते हैं। बाणी सिख धर्म की पवित्र ग्रंथ है। यह गुरु नानक देव जी द्वारा शुरू की गई और उनके नौ उत्तराधिकारी गुरुओं द्वारा आगे बढ़ाई गई। बाणी में भक्ति, ज्ञान और करुणा का संदेश है। यह हमें अपने जीवन में ईश्वर के प्रति समर्पित होने और दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती है। शब्द गुरुवाणी के उच्चारण को कहा जाता है। शब्द को एक शक्तिशाली आध्यात्मिक उपकरण माना जाता है। यह हमें ईश्वर के साथ जुड़ने और आंतरिक शांति और आनंद प्राप्त करने में मदद करता है।