जय जगदीश्वरी मात सरस्वती
राग: जंगला ताल
जय जगदीश्वरी मात सरस्वती
शरणागत प्रतिपालनहारी ।। टेक।।
चंद्र बिम्ब सम वदन विराजे
शीश मुकुट गल माला धारी ।।१।।
वीणा वाम अंग में शोभे
सामगीत ध्वनि मधुर पियारी ।। २।।
श्वेत वसन कमलासन सुंदरी
संग सखि शुभ हंस सवारी ।। ३।।
ब्रह्मानन्द मैं दास तुम्हारो
दे दर्शन परब्रह्म दुलारी ।।४।।
राग: जंगला ताल
जय जगदीश्वरी मात सरस्वती
शरणागत प्रतिपालनहारी ।। टेक।।
चंद्र बिम्ब सम वदन विराजे
शीश मुकुट गल माला धारी ।।१।।
वीणा वाम अंग में शोभे
सामगीत ध्वनि मधुर पियारी ।। २।।
श्वेत वसन कमलासन सुंदरी
संग सखि शुभ हंस सवारी ।। ३।।
ब्रह्मानन्द मैं दास तुम्हारो
दे दर्शन परब्रह्म दुलारी ।।४।।
Jay Jagadishwari Mata Saraswati Pt Bhimsen Joshi Bhajan360p
जय जगदीश्वरी मात सरस्वतीराग: जंगला ताल
जय जगदीश्वरी मात सरस्वती
शरणागत प्रतिपालनहारी ।। टेक।।
चंद्र बिम्ब सम वदन विराजे
शीश मुकुट गल माला धारी ।।१।।
वीणा वाम अंग में शोभे
सामगीत ध्वनि मधुर पियारी ।। २।।
श्वेत वसन कमलासन सुंदरी
संग सखि शुभ हंस सवारी ।। ३।।
ब्रह्मानन्द मैं दास तुम्हारो
दे दर्शन परब्रह्म दुलारी ।।४।।
जय जगदीश्वरी मात सरस्वती
शरणागत प्रतिपालनहारी ।। टेक।।
चंद्र बिम्ब सम वदन विराजे
शीश मुकुट गल माला धारी ।।१।।
वीणा वाम अंग में शोभे
सामगीत ध्वनि मधुर पियारी ।। २।।
श्वेत वसन कमलासन सुंदरी
संग सखि शुभ हंस सवारी ।। ३।।
ब्रह्मानन्द मैं दास तुम्हारो
दे दर्शन परब्रह्म दुलारी ।।४।।
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Author - Saroj Jangir
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