आपदामपहर्तारं दातारां सर्वसम्पदाम्

आपदामपहर्तारं दातारां सर्वसम्पदाम्

 
आपदामपहर्तारं दातारां सर्वसम्पदाम् लिरिक्स Aapadaampahatra Dataraa Sarvsampdaam Lyrics

यह श्री राम का ऐसा शक्ति शाली मन्त्र है जो आपके जीवन से सभी कष्ट विकार दूर कर देता है। इस मन्त्र का शाब्दिक अर्थ है की श्री राम जो साधक के समस्त दुःख दर्द दूर करने की शक्ति रखते हैं मैं उनके चरणों में बार बार नमन करता हूँ। हे श्री राम आप मुझे भी आपकी शक्ति से हील (दुःख दर्द दूर करना ) कीजिये और मेरे जीवन से संकटों को हटाइये। जय श्री राम। 
आपदामपहर्तारं दातारां सर्वसम्पदाम्,
लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नामाम्यहम्,
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय मानसे,
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः,

नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं सीतासमारोपितवामभागम,
पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम,
आपदामपहर्तारं दातारां सर्वसम्पदाम्,
लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नामाम्यहम्,
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय मानसे,
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः,
नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं सीतासमारोपितवामभागम,
पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम,


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.

ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।  
 
 


आपदामपहर्तारं दातारां सर्वसम्पदाम्, लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्
आपदामपहर्तारं: जो सभी आपदाओं को हरने वाले हैं।
दातारां सर्वसम्पदाम्: जो सभी प्रकार की संपत्ति प्रदान करने वाले हैं।
लोकाभिरामं: जो तीनों लोकों में सुंदर और मन को लुभाने वाले हैं।
श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्: उन श्री राम को मैं बार-बार नमस्कार करता हूँ।
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय मानसे, रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः
रामाय: राम को।
रामभद्राय: रामभद्र को (जो मंगलमय राम हैं)।
रामचन्द्राय: रामचन्द्र को।
मानसे: मन में।
रघुनाथाय: रघुवंश के स्वामी को।
नाथाय: सभी के स्वामी को।
सीतायाः पतये: सीता के पति को।
नमः: नमस्कार है।
नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं सीतासमारोपितवामभागम, पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम

नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं: जिनका शरीर नीले कमल के समान कोमल और श्याम वर्ण का है।
सीतासमारोपितवामभागम: जिनके बाईं ओर सीताजी विराजमान हैं।
पाणौ महासायकचारूचापं: जिनके हाथों में बड़े और सुंदर बाण-धनुष हैं।
नमामि रामं रघुवंशनाथम: उन रघुवंश के स्वामी श्री राम को मैं नमस्कार करता हूँ।
ये श्लोक भगवान राम के गुणों, उनके रूप और उनकी कृपा का वर्णन करते हैं। ये उनकी दिव्यता और शक्ति को दर्शाते हैं।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

Next Post Previous Post