अन्त्य नाम का मतलब, अर्थ, राशि Antya Meaning Hindi
अन्त्य नाम का अर्थ होता है आख़िरी, अंतिम, अंत का आदि होता है. अन्त्य के अन्य अर्थ निम्न प्रकार से होते हैं -
- जो सबसे आखिर में हो उसे अन्त्य कहा जाता है।
- अंतिम हिस्से या भाग को अन्त्य कहा जाता है।
- अंत्यजन्मा, अंत्यजाति, अंत्यजातीय अंतिम वर्ण को अन्त्य कहा जाता है।
- जिसकी गणना, गिनती सबसे अंतिम हिस्से के रूप में की जाए उसे अन्त्य कहा जाता है।
- एक संख्या, पद्य की संख्या, दस सागर की संख्या (१०००, ॰॰०, ॰॰०, ॰॰०, ॰॰०) दस करोड़ को भी अन्त्य कहा जाता है।
- अन्त्य का उपयोग कई स्थानों पर जाति, पद, गुण आदि में घटकर/कमतर होने की अवस्था के लिए भी किया जाता है।
- अन्त्य नाम लड़कियों का होता है, मतलब की यह नाम लड़कियों का रखा जाता है।
अन्त्य नाम की राशि Antya Naam Ki Rashi (Rashifal)
अन्त्य
के नाम की राशि Mesh/मेष Aries (zodiac sign ) होती है। राशि चक्र में मेष
राशि प्रथम राशि होती है। मेष राशि का चिन्ह मेंढा/ पुरुष भेड़ होता है।
मेष राशि का सम्बद्ध पूर्व दिशा से होता है और मेष राशि का स्वामी गृह
'मंगल' होता है। मेष राशि का तत्व 'अग्नि' होता है।
- मेष जातकों का शुभ अंक : 9
- मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
- मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
- मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा
- अन्त्य नाम की मित्र राशि मिथुन और सिंह होती है।
अन्त्य नाम का व्यक्तित्व/ Antya Naam Ka Vyaktitatva (General Personality)
अन्त्य
मेष राशि से सबंधित नाम है। मेष राशि के लोग कार्य को फुर्ती/तेजी से करते
हैं। मेष राशि से सबंध रखने के कारण अन्त्य नाम के व्यक्ति आशावादी और
आत्मकेंद्रित होते हैं। अन्त्य के नाम के व्यक्ति निडर और झुझारू स्वभाव के
होते हैं और शीघ्र हार नहीं मानते हैं। अन्त्य नाम के व्यक्ति चूँकि मेष राशि
से सबंधित होते हैं इसलिए ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी, जिंदादिल होते हैं।
मेष
राशि के लोग जहाँ उपरोक्त गुणों को धारण करते हैं वहीँ पर अन्त्य नाम के
व्यक्ति मेष राशि के प्रभाव के कारण ज़िद्दी, अनुशासन को कम मानने वाले और
दूसरों से अधिक अपेक्षा रखने वाले होते हैं।
अन्त्य नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अन्त्य नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं।
अन्त्य नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अन्त्य नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं।
भगवान
शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी
क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको
किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष
राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के
मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये
नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने
मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की
पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है।
मेष राशि के व्यक्ति का स्वास्थ्य
साधारण
रूप से मेष राशि के व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है। जैसा की ऊपर बताया
गया है मेष राशि की व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और किसी भी कार्य को करने की
शक्ति रखते हैं और अन्य से अधिक सक्रीय रूप से कार्य करते हैं ऐसे में उनका
शरीर अधिक कार्य करने के कारण निढाल बन सकता है। शरीर के रोगों से लड़ने के
शक्ति बेहतर होती है। उल्लेखनीय है की मेष राशि के व्यक्तियों को सरदर्द
और पाचन की बीमारिया प्रायः अधिक होती हैं, इसलिए उन्हें अपने पाचन को
बेहतर करने के लिए स्वास्थ्यवर्धक जीवन शैली का पालन करना चाहिए। अपने शरीर
को विश्राम देना भी मेष राशि के लिए अधिक महत्त्व रखता है।
- अन्त्य के नाम का शुभ अंक (Supportive Numbers) ०९ होता है।
- अन्त्य के नाम का शुभ रंग लाल सफ़ेद और पीला होता है, जिनमे सफ़ेद अधिक महत्त्व रखता है।अन्त्य नाम का शुभदिन मंगलवार होता है।
- अन्त्य नाम (अन्त्य Name Swami Grah, Planet) अन्त्य के नाम का स्वामी मंगल ग्रह होता है जो जातक के उत्साह और कार्य करने की क्षमता के लिए महत्त्व रखता है।
- अन्त्य नाम का शुभ रत्न मूंगा रत्न/कोरल जेम होता है। जातक की कुंडली में यदि मंगल कमजोर है तो मूंगा धारण करने से जातक को साहस और आत्मविश्वाश पैदा होता है।
- अन्त्य का नक्षत्र कृतिका (Nakshatra: Krithika ) होता है।
अन्त्य नाम रखने से पूर्व सावधानियाँ : यदि
आप अन्त्य अपने शिशु का नाम रखना चाहते हैं तो जन्म पत्री को किसी ज्योतिषि
को दिखाकर शास्त्र सम्मत तरीके से और पूर्ण विधान के साथ ही नाम रखें।
व्यक्ति के लिए नाम सामजिक पहचान से भी अधिक व्यक्तिगत भी होता है, इसलिए
नाम रखने में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करें। सोलह संस्कारों में
नामकरण संस्कार भी है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। नाम रखने से पूर्व
ध्यान रखें की नामकरण हेतु जन्म समय, जन्म स्थान आदि का विशेष महत्त्व होता
है। वैदिक विधि से नामकरण
नक्षत्र नाम, गुप्त नाम, व्यावहारिक नाम याज्ञिक नाम आदि के आधार पर रखा
जाता रहा है। यहाँ पर दी गई जानकारी सामान्य जानकारी है, नाम रखने से पूर्व
हिन्दू मान्यता के आधार पर योग्य ज्योतिषी से सम्पूर्ण गणना के उपरान्त ही
शिशु का नामकरण करें।
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