एक श्याम हमारा है जग का भी सहारा है

एक श्याम हमारा है जग का भी सहारा है


एक श्याम हमारा है,
जग का भी सहारा है।
दुनिया और कुछ भी नहीं,
श्याम का ही इशारा है॥

संसार में जो आया,
उसे लौट के जाना है।
सब चीज़ यहाँ नश्वर,
क्या तेरा ठिकाना है?
सब लोग पराए हैं,
बस श्याम हमारा है॥
दुनिया और कुछ भी नहीं…

किस चीज़ पे इठलाते,
क्या उसका सदा रहना?
किस बात पे इतराते,
क्या तुमको नहीं मरना?
सब छूटेंगे मरने पर,
कोई न तुम्हारा है॥
दुनिया और कुछ भी नहीं…

संसार में आए हो,
करो प्रेम सभी जन से।
करो दीन-दुखी की सेवा,
सदा तन-मन-धन से॥
बस सेवा-भजन तेरा,
बाकी न तुम्हारा है॥
दुनिया और कुछ भी नहीं…

मझधार है ये माया,
क्यों मोह में बहते हो?
जब श्याम किनारा है,
क्यों भूल से भटके हो?
कर कांत तू भक्ति,
बस श्याम सहारा है॥
दुनिया और कुछ भी नहीं,
श्याम का ही इशारा है॥


भजन : एक श्याम हमारा है/रचना : दासानुदास श्रीकान्त दास जी महाराज/स्वर : आलोक जी ।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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