आसा का ईंधन करूँ मनसा करुँ विभूति मीनिंग
आसा का ईंधन करूँ मनसा करुँ विभूति मीनिंग
आसा का ईंधन करूँ, मनसा करुँ विभूति।जोगी फेरी फिल करौं, यों बिनवाँ वै सूति॥
Aasa Ka Indhan Karu, Manasa Karu Vibhuti,
Jogi Feri Phil Karo, Yo Binava Ve Suti.
आसा का ईंधन करूँ : सांसारिक आशाओं का इंधन करूँ, जलाने के रूप में.
ईंधन : जलावन, जैसे की लकड़ी आदि.
मनसा : मनतत्व, ममता और मोह.
करुँ : कर दूँ.
विभूति : विभूति, क्षार, राख.
जोगी : योगी.
फेरी फिल करौं : फेरी लगाना, चक्कर काटना(बार बार जन्म लेना और मरना)
यों बिनवाँ वै सूति : जीवन रूपी वस्त्र का सूत ऐसे बीनना है.
फिल : नष्ट करना.
ईंधन : जलावन, जैसे की लकड़ी आदि.
मनसा : मनतत्व, ममता और मोह.
करुँ : कर दूँ.
विभूति : विभूति, क्षार, राख.
जोगी : योगी.
फेरी फिल करौं : फेरी लगाना, चक्कर काटना(बार बार जन्म लेना और मरना)
यों बिनवाँ वै सूति : जीवन रूपी वस्त्र का सूत ऐसे बीनना है.
फिल : नष्ट करना.
आशा और तृष्णा व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ी बाधा हैं, यह भक्ति मार्ग से साधक को विमुख करती हैं. माया के प्रभाव के कारण ही आशा और तृष्णा उत्पन्न होती हैं. इसलिए साहेब का कथन है की आशा और तृष्णा को नष्ट कर दो और मनसा को विभूति बना दो, जला कर राख कर दो. जैसे जोगी (फेरीवाला) बार बार चक्कर काटता है ऐसे ही व्यक्ति भी जन्म मरण के चक्र में फंसा रहता है और बंधन से मुक्त नहीं हो पाता है. जीवन रूपी वस्त्र का सूत ऐसे बीनना है, जिसे दुबारा/बार बार कातकर बनाने की आवश्यकता शेष नहीं रह जाती है. फेरीवाले की भाँती जीवन के चक्र को नष्ट करने का एक माध्यम है सत्य का अनुसरण करके आत्मिक रूप से हरी का सुमिरण.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |
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