
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
चलो चलौं सबको कहे, मोहि अँदेसा और।
साहिब सूँ पर्चा नहीं, ए जांहिगें किस ठौर॥
Chalo Chalo Sabko kahe, Mohi Andesa Aur,
Saahib Su Parcha Nahi, Aie Jahige Kis Thour.
चलो चलौं : सभी चलो चलो कहते हैं.
सबको कहे : सभी कहते हैं.
मोहि : मुझको.
सभी चलो चलो कहते हैं, सभी आवागमन पर बात करते हैं. सभी साधक व्यक्ति उस अगम्य मार्ग का अनुसरण करते हैं लेकिन कबीर साहेब इसमें आशंकित हैं, की क्या सफलता मिलेगी या नहीं. क्योंकि साधक तो अभी भी माया में लिप्त है और मायाजनित कार्यों में लगा रहता है, उसका साहिब (मालिक/इश्वर) से परचा नहीं है तो वह कैसे इस मार्ग पर आगे बढ़ सकता है. अतः यह कहाँ नहीं जा सकता है की ये किस तरफ जायेंगे. अतः साहेब यह सन्देश देते हैं की भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए व्यक्ति को सर्व प्रथम मानसिक अनुशासन प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. तुच्छ सांसारिक स्वार्थों को सजझ कर इनसे उपर उठना होता है. यदि इनका अभाव है तो निश्चित ही वह किसी मजिल को प्राप्त नहीं कर पायेगा.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |