साषत ते सूकर भला सूचा राखे गाँव मीनिंग
साषत ते सूकर भला, सूचा राखे गाँव।
बूड़ा साषत बापुड़ा, बैसि समरणी नाँव॥
Sakhat Te Sukar Bhala, Sucha Rakhe Ganv,
Buda Sakat Bapuda, Besi Samarani Nanv.
साषत ते सूकर भला : शाक्त/साक्त से अच्छा तो सूअर होता है.
सूचा राखे गाँव : वह गाँव को स्वच्छ रखता है.
बूड़ा साषत बापुड़ा : साक्य डूब जाते हैं.
बैसि समरणी नाँव : पाप की नांव में बैठकर.
कबीर साहेब साक्य लोगों के विरोधी थे और उन्होंने इसी के चलते वाणी है की शाक्य से अच्छे तो सूअर हैं जो गाँव को स्वच्छ रखते हैं. शाक्य लोग इश्वर की भक्ति हृदय से नहीं करते हैं और ज्ञान के अभाव में वे पाप की नांव में बैठकर डूब जाते हैं.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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