श्याम चौरासी लिरिक्स Shyam Chourasi Lyrics Khatu Shyam Ji Bhajan
।। श्री श्याम चोपाई ।।
।। दोहा ।।
।। दोहा ।।
नागसुता सुत श्याम को, सुमिरुं बारम्बार ।
खाटू वाले श्यामजी, सब जग के दातार।
काव्य कला जानूं नहीं, अहूं निपट अज्ञान ।
ज्ञान ध्यान मोहि दीजिए, आकर कृपानिधान ।
गुरु पद पंकज ध्यान धर, सुमिर सच्चीदानंद ।
श्याम चोरासी भजत हूँ, रच चोपाई छन्द ।।
खाटू वाले श्यामजी, सब जग के दातार।
काव्य कला जानूं नहीं, अहूं निपट अज्ञान ।
ज्ञान ध्यान मोहि दीजिए, आकर कृपानिधान ।
गुरु पद पंकज ध्यान धर, सुमिर सच्चीदानंद ।
श्याम चोरासी भजत हूँ, रच चोपाई छन्द ।।
।। चोपाई ।।
महर करो जन के सुखरासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
प्रथम शीश चरण में नाऊं ।
कृपा दृष्टि रावरी चाहूं ।।
माफ़ सभी अपराध कराऊँ ।
आदि कथा सुछन्द रच गाऊं ।।
भक्त सुजन सुनकर हरसासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
कुरु पांडव में विरोध जब छाया ।
समर महाभारत रचवाया ।।
बली एक बर्बरीक आया ।
तीन सुबाण साथ में लाया ।।
यह लखि हरि को आई हांसी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
मधुर वचन तब कृष्ण सुनाए ।
समर भूमि केही कारण आए ।।
तीन बाण धनु कंध सुहाए ।
अजब अनोखा रूप बनाए ।।
बाण अपार वीर सब ल्यासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक इतने दल माहीं ।
तीन बाण की गिनती नाहीं ।।
योद्धा एक से एक निराले ।
वीर बहादुर अति मतवाले ।।
समर सभी मिल कठिन मचासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक मम कहना मानो ।
समर भूमि तुम खेल न जानो ।।
भीषम द्रोण कृप आदि जुझारा ।
जिनसे पारथ का मन हारा ।।
तू क्या पे पेस इन्हीं से पासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक हरि से यों कहता ।
समर देखना मैं हूँ चाहता ।।
कौन बली रणशुर निहारूँ ।
वीर बहादुर कौन जुझारु ।।
तीन लोक त्रिबाण से मारूं ।
हंसता रहूं कभी न हारूं ।
सत्य कहूं हरि झूठ न जानो ।
दोनों दल इक तरफ हों मानो ।।
एक बाण दल दोऊ खपासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक से हरि फरमावे ।
तेरी बात समझ नहीं आवे ।।
प्राण बचाओ तुम घर जाओ ।
क्यों नादानपना दिखलाओ ।।
तेरी जान मुफ्त में जासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
गर विशवास न तुम्हें मुरारी ।
तो कर लीजे जांच हमारी ।।
यह सुन कृष्ण बहुत हर्षाए ।
बर्बरीक से वचन सुनाए ।।
मैं अब लेहूं परीछा खासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
महर करो जन के सुखरासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
प्रथम शीश चरण में नाऊं ।
कृपा दृष्टि रावरी चाहूं ।।
माफ़ सभी अपराध कराऊँ ।
आदि कथा सुछन्द रच गाऊं ।।
भक्त सुजन सुनकर हरसासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
कुरु पांडव में विरोध जब छाया ।
समर महाभारत रचवाया ।।
बली एक बर्बरीक आया ।
तीन सुबाण साथ में लाया ।।
यह लखि हरि को आई हांसी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
मधुर वचन तब कृष्ण सुनाए ।
समर भूमि केही कारण आए ।।
तीन बाण धनु कंध सुहाए ।
अजब अनोखा रूप बनाए ।।
बाण अपार वीर सब ल्यासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक इतने दल माहीं ।
तीन बाण की गिनती नाहीं ।।
योद्धा एक से एक निराले ।
वीर बहादुर अति मतवाले ।।
समर सभी मिल कठिन मचासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक मम कहना मानो ।
समर भूमि तुम खेल न जानो ।।
भीषम द्रोण कृप आदि जुझारा ।
जिनसे पारथ का मन हारा ।।
तू क्या पे पेस इन्हीं से पासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक हरि से यों कहता ।
समर देखना मैं हूँ चाहता ।।
कौन बली रणशुर निहारूँ ।
वीर बहादुर कौन जुझारु ।।
तीन लोक त्रिबाण से मारूं ।
हंसता रहूं कभी न हारूं ।
सत्य कहूं हरि झूठ न जानो ।
दोनों दल इक तरफ हों मानो ।।
एक बाण दल दोऊ खपासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक से हरि फरमावे ।
तेरी बात समझ नहीं आवे ।।
प्राण बचाओ तुम घर जाओ ।
क्यों नादानपना दिखलाओ ।।
तेरी जान मुफ्त में जासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
गर विशवास न तुम्हें मुरारी ।
तो कर लीजे जांच हमारी ।।
यह सुन कृष्ण बहुत हर्षाए ।
बर्बरीक से वचन सुनाए ।।
मैं अब लेहूं परीछा खासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
पात विटप के सभी निहारो ।
बेध एक शर से डारो ।।
कह इतना एक पात मुरारी ।
दबा लिया पद तले करारी ।।
अजब रची माया अविनाशी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक धनु-बाण चढाया ।
जानी जाय न हरि की माया ।।
विटप निहार बली मुस्काया ।
अजित अमर अहिलावति जाया ।।
बली सुमिर शिव बाण चालीसा ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बाण बली ने अजब चलाया ।
पत्ते बेध विटप के आया ।।
गिरा कृष्ण के चरणों माहीं ।
बिंधा पात हरि चरण हटाहीं ।।
इससे कौन फतेह किमि पासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
कृष्ण बली कहै बताओ ।
किस दल की तुम जीत कराओ ।।
बली हार का दल बतलाया ।
यह सुन कृष्ण सनाका खाया ।।
विजय किस विध पारथ पासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
छल करना तब कृष्ण विचारा ।
बली से बोले नन्द कुमारा ।।
ना जाने क्या ज्ञान तुम्हारा ।
बेध एक शर से डारो ।।
कह इतना एक पात मुरारी ।
दबा लिया पद तले करारी ।।
अजब रची माया अविनाशी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बर्बरीक धनु-बाण चढाया ।
जानी जाय न हरि की माया ।।
विटप निहार बली मुस्काया ।
अजित अमर अहिलावति जाया ।।
बली सुमिर शिव बाण चालीसा ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बाण बली ने अजब चलाया ।
पत्ते बेध विटप के आया ।।
गिरा कृष्ण के चरणों माहीं ।
बिंधा पात हरि चरण हटाहीं ।।
इससे कौन फतेह किमि पासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
कृष्ण बली कहै बताओ ।
किस दल की तुम जीत कराओ ।।
बली हार का दल बतलाया ।
यह सुन कृष्ण सनाका खाया ।।
विजय किस विध पारथ पासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
छल करना तब कृष्ण विचारा ।
बली से बोले नन्द कुमारा ।।
ना जाने क्या ज्ञान तुम्हारा ।
कहना मानो बली हमारा ।।
हो इक तरफ नाम पा जासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
कहै बर्बरीक कृष्ण हमारा ।
टूट न सकता प्रण ये करारा ।।
मांगे दान उसे मैं देता ।
हारा देख सहारा देता ।।
सत्य कहूं ना झूठ जरा सी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बेशक वीर बहादुर तुम हो ।
जंचते दानी हमें न तुम हो ।।
कहै बर्बरीक हरि बतलाओ ।
तुमको चाहिए क्या बतलाओ ।
जो मांगे सो हमसे पासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
बली अगर तुम सच्चे दानी ।
तो मैं तुमसे कहूँ बखानी ।।
समर भूमि बली देने खातिर ।
शीश चाहिए एक बहादुर ।।
शीश दान दे नाम कमासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
हम तुम अर्जुन तीनों भाई ।
शीश दान दे को बलदाई ।।
जिसको आप योग्य बतलावें ।
वही शीश बलिदान चढ़ावें ।।
आवागमन मिटे चोरासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
अर्जुन नाम समर में पावे ।
तुम बिन सारथी कौन कहावे ।।
शीश दान दीन्हौं भगवाना ।
भारत देखन मन ललचाना ।।
शीश शिखर गिरि पर धरवासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
शीश दान बर्बरीक दिया है ।
हरि ने गिरि पर धरा दिया है ।।
समर अठारह रोज हुआ है ।
कुरु दल सारा नाश हुआ है ।।
विजय पताका पाण्डु फहरासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
भीम नकुल सहदेव और पारथ ।
करते निज तारीफ अकारथ ।।
यों सोच मन में यदुराया ।
इनके दिल अभिमान है छाया ।।
हरि भगतों का दुःख मिटासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
पारथ भीम आदि बलधारी ।
से यों बोले गिरवरधारी ।।
किसने विजय समर में पाई ।
पूछो वीर बर्बरीक से भाई ।।
सत्य बात सिर सभी बतासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
हरि सबको संग ले गिरवर पर ।
सिर बैठा था मगन शिखर पर ।।
जा पहुँचे झटपट नन्दलाला ।
पुनि पूछा सिर से सब हाला ।।
शीश दान है खुद अविनाशी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
हरि यों कहै सही फरमाओ ।
समर जीत है कौन बताओ ।।
बली कहै मैं सत्य बताऊं ।
नहीं पितु चचा बलि न ताऊ ।।
भगवद ने पाई शाबाशी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
चक्र सुदर्शन है बलदाई ।
काट रहा था दल जिमि काई ।।
रूप द्रौपदी काली का धर ।
हो विकराल ले कर में खप्पर ।।
भर-भर रुधिर पिए थी प्यासी ।।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
मैंने जो कछु समर निहारा ।
सत्य सुनाया हाल है सारा ।।
सत्य वचन सुनकर यदुराई ।
वर दीन्हा सिर को हर्षाई ।।
श्याम रूप मम धार पुजासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
कलि में तुमको श्याम कन्हाई ।
पूजेंगे सब लोग लुगाई ।।
खीर चूरमा भोग लगावे ।
माखन मिश्री खूब चढ़ावे ।।
मन वच कर्म से जो कोई ध्यासी ।
इचिछत फल सो ही पा जासी ।।
अन्त समय सद्गगति पा जासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
सागर सा धनवान बनाना ।।
पतनी गोद में सुवन खिलाना ।।
सेवक आया शरण तिहारी ।
श्रीपति यदुपति कुंज बिहारी ।।
सब सुख दायक आनन्द रासी ।
सांवलशाह खाटू के वासी ।।
।। चोपाई ।।
श्याम चोरासी है रची, भक्त जनन के हेतु ।
पवन निशि बासर पढ़े, सकल सुमंगल हेतु ।।
लख चोरासी छूटीए , श्याम चोरासी गाय ।
अछत अपार फल पायकर , आवागमन मिटाए ।।
श्याम चोरासी है रची, भक्त जनन के हेतु ।
पवन निशि बासर पढ़े, सकल सुमंगल हेतु ।।
लख चोरासी छूटीए , श्याम चोरासी गाय ।
अछत अपार फल पायकर , आवागमन मिटाए ।।
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)
श्याम चौरासी || Shyam Chorasi || Mahendra Kapoor || Shree Khatu Shyam Baba | Janmashtami 2021
Naagasuta Sut Shyaam Ko, Sumirun Baarambaar .
Khaatu Vaale Shyaamaji, Sab Jag Ke Daataar.
Kaavy Kala Jaanun Nahin, Ahun Nipat Agyaan .
Gyaan Dhyaan Mohi Dijie, Aakar Krpaanidhaan .
Guru Pad Pankaj Dhyaan Dhar, Sumir Sachchidaanand .
Shyaam Choraasi Bhajat Hun, Rach Chopai Chhand ..
.. Chopai ..
Mahar Karo Jan Ke Sukharaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Pratham Shish Charan Mein Naun .
Krpa Drshti Raavari Chaahun ..
Maaf Sabhi Aparaadh Karaun .
Aadi Katha Suchhand Rach Gaun ..
Bhakt Sujan Sunakar Harasaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Kuru Paandav Mein Virodh Jab Chhaaya .
Samar Mahaabhaarat Rachavaaya ..
Bali Ek Barbarik Aaya .
Tin Subaan Saath Mein Laaya ..
Yah Lakhi Hari Ko Aai Haansi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Madhur Vachan Tab Krishn Sunae .
Samar Bhumi Kehi Kaaran Aae ..
Tin Baan Dhanu Kandh Suhae .
Ajab Anokha Rup Banae ..
Baan Apaar Vir Sab Lyaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Barbarik Itane Dal Maahin .
Tin Baan Ki Ginati Naahin ..
Yoddha Ek Se Ek Niraale .
Vir Bahaadur Ati Matavaale ..
Samar Sabhi Mil Kathin Machaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Barbarik Mam Kahana Maano .
Samar Bhumi Tum Khel Na Jaano ..
Bhisham Dron Krp Aadi Jujhaara .
Jinase Paarath Ka Man Haara ..
Tu Kya Pe Pes Inhin Se Paasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Barbarik Hari Se Yon Kahata .
Samar Dekhana Main Hun Chaahata ..
Kaun Bali Ranashur Nihaarun .
Vir Bahaadur Kaun Jujhaaru ..
Tin Lok Tribaan Se Maarun .
Hansata Rahun Kabhi Na Haarun .
Saty Kahun Hari Jhuth Na Jaano .
Donon Dal Ik Taraph Hon Maano ..
Ek Baan Dal Duo Khapaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Barbarik Se Hari Pharamaave .
Teri Baat Samajh Nahin Aave ..
Praan Bachao Tum Ghar Jao .
Kyon Naadaanapana Dikhalao ..
Teri Jaan Mupht Mein Jaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Gar Vishavaas Na Tumhen Muraari .
To Kar Lije Jaanch Hamaari ..
Yah Sun Krishn Bahut Harshae .
Barbarik Se Vachan Sunae ..
Main Ab Lehun Parichha Khaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Paat Vitap Ke Sabhi Nihaaro .
Bedh Ek Shar Se Daaro ..
Kah Itana Ek Paat Muraari .
Daba Liya Pad Tale Karaari ..
Ajab Rachi Maaya Avinaashi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Barbarik Dhanu-baan Chadhaaya .
Jaani Jaay Na Hari Ki Maaya ..
Vitap Nihaar Bali Muskaaya .
Ajit Amar Ahilaavati Jaaya ..
Bali Sumir Shiv Baan Chaalisa .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Baan Bali Ne Ajab Chalaaya .
Patte Bedh Vitap Ke Aaya ..
Gira Krishn Ke Charanon Maahin .
Bindha Paat Hari Charan Hataahin ..
Isase Kaun Phateh Kimi Paasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Krishn Bali Kahai Batao .
Kis Dal Ki Tum Jit Karao ..
Bali Haar Ka Dal Batalaaya .
Yah Sun Krishn Sanaaka Khaaya ..
Vijay Kis Vidh Paarath Paasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Chhal Karana Tab Krishn Vichaara .
Bali Se Bole Nand Kumaara ..
Na Jaane Kya Gyaan Tumhaara .
Kahana Maano Bali Hamaara ..
Ho Ik Taraph Naam Pa Jaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Kahai Barbarik Krishn Hamaara .
Tut Na Sakata Pran Ye Karaara ..
Maange Daan Use Main Deta .
Haara Dekh Sahaara Deta ..
Saty Kahun Na Jhuth Jara Si .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Beshak Vir Bahaadur Tum Ho .
Janchate Daani Hamen Na Tum Ho ..
Kahai Barbarik Hari Batalao .
Tumako Chaahie Kya Batalao .
Jo Maange So Hamase Paasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Bali Agar Tum Sachche Daani .
To Main Tumase Kahun Bakhaani ..
Samar Bhumi Bali Dene Khaatir .
Shish Chaahie Ek Bahaadur ..
Shish Daan De Naam Kamaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Ham Tum Arjun Tinon Bhai .
Shish Daan De Ko Baladai ..
Jisako Aap Yogy Batalaaven .
Vahi Shish Balidaan Chadhaaven ..
Aavaagaman Mite Choraasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Arjun Naam Samar Mein Paave .
Tum Bin Saarathi Kaun Kahaave ..
Shish Daan Dinhaun Bhagavaana .
Bhaarat Dekhan Man Lalachaana ..
Shish Shikhar Giri Par Dharavaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Shish Daan Barbarik Diya Hai .
Hari Ne Giri Par Dhara Diya Hai ..
Samar Athaarah Roj Hua Hai .
Kuru Dal Saara Naash Hua Hai ..
Vijay Pataaka Paandu Phaharaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Bhim Nakul Sahadev Aur Paarath .
Karate Nij Taariph Akaarath ..
Yon Soch Man Mein Yaduraaya .
Inake Dil Abhimaan Hai Chhaaya ..
Hari Bhagaton Ka Duhkh Mitaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Paarath Bhim Aadi Baladhaari .
Se Yon Bole Giravaradhaari ..
Kisane Vijay Samar Mein Pai .
Puchho Vir Barbarik Se Bhai ..
Saty Baat Sir Sabhi Bataasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Hari Sabako Sang Le Giravar Par .
Sir Baitha Tha Magan Shikhar Par ..
Ja Pahunche Jhatapat Nandalaala .
Puni Puchha Sir Se Sab Haala ..
Shish Daan Hai Khud Avinaashi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Hari Yon Kahai Sahi Pharamao .
Samar Jit Hai Kaun Batao ..
Bali Kahai Main Saty Bataun .
Nahin Pitu Chacha Bali Na Tau ..
Bhagavad Ne Pai Shaabaashi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Chakr Sudarshan Hai Baladai .
Kaat Raha Tha Dal Jimi Kai ..
Rup Draupadi Kaali Ka Dhar .
Ho Vikaraal Le Kar Mein Khappar ..
Bhar-bhar Rudhir Pie Thi Pyaasi ..
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Mainne Jo Kachhu Samar Nihaara .
Saty Sunaaya Haal Hai Saara ..
Saty Vachan Sunakar Yadurai .
Var Dinha Sir Ko Harshai ..
Shyaam Rup Mam Dhaar Pujaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Kali Mein Tumako Shyaam Kanhai .
Pujenge Sab Log Lugai ..
Khir Churama Bhog Lagaave .
Maakhan Mishri Khub Chadhaave ..
Man Vach Karm Se Jo Koi Dhyaasi .
Ichichhat Phal So Hi Pa Jaasi ..
Ant Samay Sadgagati Pa Jaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Saagar Sa Dhanavaan Banaana ..
Patani God Mein Suvan Khilaana ..
Sevak Aaya Sharan Tihaari .
Shripati Yadupati Kunj Bihaari ..
Sab Sukh Daayak Aanand Raasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
.. Chopai ..
Shyaam Choraasi Hai Rachi, Bhakt Janan Ke Hetu .
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Tu Kya Pe Pes Inhin Se Paasi .
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Kaun Bali Ranashur Nihaarun .
Vir Bahaadur Kaun Jujhaaru ..
Tin Lok Tribaan Se Maarun .
Hansata Rahun Kabhi Na Haarun .
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Donon Dal Ik Taraph Hon Maano ..
Ek Baan Dal Duo Khapaasi .
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Yah Sun Krishn Bahut Harshae .
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Main Ab Lehun Parichha Khaasi .
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Paat Vitap Ke Sabhi Nihaaro .
Bedh Ek Shar Se Daaro ..
Kah Itana Ek Paat Muraari .
Daba Liya Pad Tale Karaari ..
Ajab Rachi Maaya Avinaashi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Barbarik Dhanu-baan Chadhaaya .
Jaani Jaay Na Hari Ki Maaya ..
Vitap Nihaar Bali Muskaaya .
Ajit Amar Ahilaavati Jaaya ..
Bali Sumir Shiv Baan Chaalisa .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Baan Bali Ne Ajab Chalaaya .
Patte Bedh Vitap Ke Aaya ..
Gira Krishn Ke Charanon Maahin .
Bindha Paat Hari Charan Hataahin ..
Isase Kaun Phateh Kimi Paasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Krishn Bali Kahai Batao .
Kis Dal Ki Tum Jit Karao ..
Bali Haar Ka Dal Batalaaya .
Yah Sun Krishn Sanaaka Khaaya ..
Vijay Kis Vidh Paarath Paasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Chhal Karana Tab Krishn Vichaara .
Bali Se Bole Nand Kumaara ..
Na Jaane Kya Gyaan Tumhaara .
Kahana Maano Bali Hamaara ..
Ho Ik Taraph Naam Pa Jaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Kahai Barbarik Krishn Hamaara .
Tut Na Sakata Pran Ye Karaara ..
Maange Daan Use Main Deta .
Haara Dekh Sahaara Deta ..
Saty Kahun Na Jhuth Jara Si .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Beshak Vir Bahaadur Tum Ho .
Janchate Daani Hamen Na Tum Ho ..
Kahai Barbarik Hari Batalao .
Tumako Chaahie Kya Batalao .
Jo Maange So Hamase Paasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Bali Agar Tum Sachche Daani .
To Main Tumase Kahun Bakhaani ..
Samar Bhumi Bali Dene Khaatir .
Shish Chaahie Ek Bahaadur ..
Shish Daan De Naam Kamaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Ham Tum Arjun Tinon Bhai .
Shish Daan De Ko Baladai ..
Jisako Aap Yogy Batalaaven .
Vahi Shish Balidaan Chadhaaven ..
Aavaagaman Mite Choraasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Arjun Naam Samar Mein Paave .
Tum Bin Saarathi Kaun Kahaave ..
Shish Daan Dinhaun Bhagavaana .
Bhaarat Dekhan Man Lalachaana ..
Shish Shikhar Giri Par Dharavaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Shish Daan Barbarik Diya Hai .
Hari Ne Giri Par Dhara Diya Hai ..
Samar Athaarah Roj Hua Hai .
Kuru Dal Saara Naash Hua Hai ..
Vijay Pataaka Paandu Phaharaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Bhim Nakul Sahadev Aur Paarath .
Karate Nij Taariph Akaarath ..
Yon Soch Man Mein Yaduraaya .
Inake Dil Abhimaan Hai Chhaaya ..
Hari Bhagaton Ka Duhkh Mitaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Paarath Bhim Aadi Baladhaari .
Se Yon Bole Giravaradhaari ..
Kisane Vijay Samar Mein Pai .
Puchho Vir Barbarik Se Bhai ..
Saty Baat Sir Sabhi Bataasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Hari Sabako Sang Le Giravar Par .
Sir Baitha Tha Magan Shikhar Par ..
Ja Pahunche Jhatapat Nandalaala .
Puni Puchha Sir Se Sab Haala ..
Shish Daan Hai Khud Avinaashi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Hari Yon Kahai Sahi Pharamao .
Samar Jit Hai Kaun Batao ..
Bali Kahai Main Saty Bataun .
Nahin Pitu Chacha Bali Na Tau ..
Bhagavad Ne Pai Shaabaashi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Chakr Sudarshan Hai Baladai .
Kaat Raha Tha Dal Jimi Kai ..
Rup Draupadi Kaali Ka Dhar .
Ho Vikaraal Le Kar Mein Khappar ..
Bhar-bhar Rudhir Pie Thi Pyaasi ..
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Mainne Jo Kachhu Samar Nihaara .
Saty Sunaaya Haal Hai Saara ..
Saty Vachan Sunakar Yadurai .
Var Dinha Sir Ko Harshai ..
Shyaam Rup Mam Dhaar Pujaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Kali Mein Tumako Shyaam Kanhai .
Pujenge Sab Log Lugai ..
Khir Churama Bhog Lagaave .
Maakhan Mishri Khub Chadhaave ..
Man Vach Karm Se Jo Koi Dhyaasi .
Ichichhat Phal So Hi Pa Jaasi ..
Ant Samay Sadgagati Pa Jaasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
Saagar Sa Dhanavaan Banaana ..
Patani God Mein Suvan Khilaana ..
Sevak Aaya Sharan Tihaari .
Shripati Yadupati Kunj Bihaari ..
Sab Sukh Daayak Aanand Raasi .
Saanvalashaah Khaatu Ke Vaasi ..
.. Chopai ..
Shyaam Choraasi Hai Rachi, Bhakt Janan Ke Hetu .
Pavan Nishi Baasar Padhe, Sakal Sumangal Hetu ..
Lakh Choraasi Chhutie , Shyaam Choraasi Gaay .
Achhat Apaar Phal Paayakar , Aavaagaman Mitae ..
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Author - Saroj Jangir
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