प्रेम की डोरी,
कदै ना टूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारा श्याम धनी।
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
चरणां री चाकरी की,
सेवा ना छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में।
ओ नयनां रो,
दिवलो है जलायो,
भाव भरी मनुहार जी,
ओ हिवाड़ माहे,
थारो रूप समायो,
थारी करा,
जय जय कार जी।
चरण शरण म्हाने दे दो बाबा,
विनती बारंबार जी,
अजी चाहो जियां राखो,
थारो साथ नहीं छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी।
जद सूं थारे द्वार पे आया,
जीवन में आनंद जी,
ओ बाबा तेरी रजा में,
राजी मैं बाबा,
मनाड़ो भी रजामंद जी,
अजी मौज उड़ाऊं मैं,
थारी दया सूं
होश में भरी उमंग जी,
बाबा टाबरां सूं थारो,
कदे हाथ नहीं छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी।
भक्तां री विनती पे ओ बाबा,
कर लो थोड़ो विचार जी,
अजी झोली म्हारी,
खाली पड़ी है,
भर दो लखदातार जी,
चौखानी थारो चाकर बाबा,
ओ थे हो पालनहार जी,
बाबा सुरभि से थारो,
दरबार नहीं छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी।
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
चरणां री चाकरी की,
सेवा ना छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में।
म्हारा श्याम धनी,
म्हारा श्याम धनी।
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
चरणां री चाकरी की,
सेवा ना छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में।
ओ नयनां रो,
दिवलो है जलायो,
भाव भरी मनुहार जी,
ओ हिवाड़ माहे,
थारो रूप समायो,
थारी करा,
जय जय कार जी।
चरण शरण म्हाने दे दो बाबा,
विनती बारंबार जी,
अजी चाहो जियां राखो,
थारो साथ नहीं छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी।
जद सूं थारे द्वार पे आया,
जीवन में आनंद जी,
ओ बाबा तेरी रजा में,
राजी मैं बाबा,
मनाड़ो भी रजामंद जी,
अजी मौज उड़ाऊं मैं,
थारी दया सूं
होश में भरी उमंग जी,
बाबा टाबरां सूं थारो,
कदे हाथ नहीं छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी।
भक्तां री विनती पे ओ बाबा,
कर लो थोड़ो विचार जी,
अजी झोली म्हारी,
खाली पड़ी है,
भर दो लखदातार जी,
चौखानी थारो चाकर बाबा,
ओ थे हो पालनहार जी,
बाबा सुरभि से थारो,
दरबार नहीं छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी।
थारे म्हारे प्रेम की,
या डोरी नहीं टूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में,
चरणां री चाकरी की,
सेवा ना छूटे,
म्हारा श्याम धनी,
म्हारी सांसां की लड़ी,
ओ थारे हाथां में,
ओ थारे हाथां में।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)
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Author - Saroj Jangir
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