माता नै जो बचन दियो

माता नै जो बचन दियो

माता नै जो बचन दियो,
बो तोड़ न पावैगो,
कोन्या मानै काळ्जो कै,
तूं नईं आवैगो।

देवरै का पट बन्द होग्या,
मोर छड़ी लहराई थी,
श्याम बहादुर जी ताळै पै,
इक फटकार लगाई थी,
मंगळाराम जी की भगति को,
मोल चूकावैगो,
कोन्या मानै काळ्जो कै,
तूं नईं आवैगो।

आलूसिंह जी पै कृपा करी,
दुनिया देखी सकळाई जी,
भगत को मान न घटण दियो थे,
आकै बात निभाई जी,
काशी बुलावै लीलै चढ तूं,
दौड़ लगावैगो,
कोन्या मानै काळ्जो कै,
तूं नईं आवैगो।

रोती बिळखती बामणी नै,
आकै तूंई हंसायो जी,
धाड़्यां को संघार करयो,
बामण नै आय जिवायो जी,
कवै भागीरथ बाबो धरम,
ध्वजा लहरावैगो,
कोन्या मानै काळ्जो,
कै तूं नईं आवैगो।

गिरधारया नै गोद खिलायो,
माखण मिसरी खुवाई थी,
सोहनलाल लुहाकार मगन हो,
थांरी महिमा गाई थी,
भगत बुलावै श्याम तनै तूं,
रुक नईं पावैगो,
कोन्या मानै काळ्जो,
कै तूं नईं आवैगो।

श्याम बहादुर,
शिव का लाडला,
अब तो दरस दिखा ज्यावो,
हिवड़ै मांई बसी आकृती,
नैणां आगै आ ज्यावो,
भोळै भगतां की है दुहाई,
कद तक टरकावैगो,
कोन्या मानै काळ्जो कै,
तूं नईं आवैगो।

माता नै जो बचन दियो,
बो तोड़ न पावैगो,
कोन्या मानै काळ्जो कै,
तूं नईं आवैगो।



माता नै जो बचन दियो - Konya Maane Kaaljo ki Tu Nahi Aawego - Ravi Sharma Sooraj - Devotional Bhajan

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