करवा चौथ की थाली कैसे सजायें Karava Chuth Ki Thali Sajane Ka Tarika
करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चौथ को विवाहित महिलाओं के द्वारा अखंड सुहाग के लिए किया जाता है। करवा चौथ के व्रत दौरान महिलायें पूरा दिन व्रत रखती हैं और निर्जला व्रत भी करती हैं। करवा चौथ का व्रत हिन्दू महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसे पति-पत्नी के प्रेम और पतिव्रता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लंबे जीवन और पति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। करवा चौथ का व्रत पति की उम्र बढ़ाने, प्रेम और सम्पन्नता को बढ़ाने, संतान की कामना करने, और पति-पत्नी के मधुर सम्बंध को मजबूत करने का भी प्रतीक है। यह पर्व प्रायः उत्तरी भारतीय राज्यों में प्रमुखता से मनाया जाता है, जैसे कि पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश। आंध्र प्रदेश में यह पर्व 'अतला तड्डे' के रूप में मनाया जाता है।
यह पर्व विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जहां वे अपने पति की लंबी और स्वस्थ जीवनकाल की कामना करती हैं और उनकी रक्षा के लिए व्रत रखती हैं।
करवा चौथ की थाली Karava Chouth Ki Thali
करवा चौथ में सजी हुई थाली शुभ मानी जाती हैं। पूजा की थाली सजाना हमारे रीती रिवाजों में शामिल है। करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। करवा चौथ की थाली में रोली, सिंदूर, पवित्र जल के अलावा बादाम, पिस्ता-सूखे मेवे, दीपक व आदि रखे जाते हैं। वैसे तो बाजार में सजी सजाई थाली तैयार मिलती है लेकिन आप घर पर भी प्लेन थाली को बड़ी ही आसानी से सजा सकती हैं। यदि आप भी पहली बार थाली सजा रहीं हैं तो आपको निचे दिए गए तरीके से थाली सजानी चाहिए। करवा चौथ की रात्रि के समय चाँद देखने के लिए आप पहले से ही थाली को सजाकर रख लेवे।
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थाली में आप निम्न सामग्री को रखें:
- एक बड़ी थाली : एक बड़ी थाली को रंगीन पेपर से सजाने से आपकी पूजा की थाली बहुत आकर्षक दिखेगी। आप अपनी पसंद के अनुसार विभिन्न रंगों के पेपर का चयन कर सकती हैं, लेकिन गहरा लाल रंग इसके लिए अच्छा होता है। डिजाइनर गोटे और रंगीन कागज का उपयोग करके आप पूजा की थाली को आकर्षक और सजावटी बना सकती हैं। आप प्लेट के चारों ओर या फिर उसके बीच में रंगीन और डिजाइनर गोटे को ग्लू की मदद से चिपका सकती हैं। इससे थाली को एक विशेष और मनोहारी दिखावट मिलेगी और आपकी पूजा भी आकर्षक और आनंददायक होगी।
- दीपक : घर में मौजूद दीपक को आप थाली में रखें, इसमें बाती लगाकर देसी घी भरकर, माचिस के साथ इसे तैयार रखें.
- करवा चौथ का कलश (ताम्बे का कलश) : थाली में इसे जल भरकर रखें.
- रोली, मोली,
- कलश को ढकने के लिए वस्त्र,
- मिठाई या ड्राई फ्रूट,
- चन्दन और धुप,
- मोली और गुड़/चूरमा,
- चांद को देखने के लिए छलनी,
- मिट्टी या शक्कर का करवा (करवा चौथ का करवा गेहूं से भरते हैं और उसका ढक्कन शक्कर से भरते हैं।) आदि। करवा चौथ का पर्व पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखा जाता है और यह एक खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्रदान करता है। करवा चौथ में मिट्टी के करवे का विशेष महत्त्व होता है। महिलाएं मिट्टी के करवे को पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि करवा में पांच तत्व होते हैं - जल, हवा, मिट्टी, अग्नि और आकाश। हमारा शरीर भी इन्ही पाँचों तत्वों से मिलकर बना होता है। अतः मिट्टी के करवे का विशेष महत्त्व होता है। कई स्थानों पर मिट्टी के स्थान पर आटे का करवा भी उपयोग में लिया जाता है।
करवा चौथ की थाली की सजावट:
करवा चौथ की थाली की सजावट भी बहुत ही आकर्षक रूप में करें। सर्प्रथम आप हरे पत्तों से थाली के किनारे किनारे सजावट करे और किनारों पर ताजे फूल रखें। बीच में दीपक को रखे और किनारों पर सभी वस्तुए रखें। सलीके से सभी वस्तुए इसमें रखे ताकि समय पर आपको थाली तैयार मिल सके।दीपक और रुई की बाती
करवा चौथ की थाली में दीपक और रुई की बत्ती को रखा जाता है। इस व्रत में, महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस थाली का प्रयोग करती हैं। दीपक सामान्य रूप से मिट्टी का होता है लेकिन यदि आप चाहे तो आटे का दीपक भी बना सकती हैं जिससे घर परिवार में सुख शान्ति बनी रहती है। इस दीपक में आप गाय का देसी घी डालें। पूजा के अवसर पर, करवा चौथ की थाली में आटे का दीपक शुभ माना जाता है। इसलिए, आपको अपनी पूजा की थाली में एक आटे का दीपक अवश्य रखना चाहिए। इस दीपक में देसी घी को भरकर रुई की बत्ती डालें।मिट्टी का टोंटीदार करवा
करवा चौथ के पर्व पर मिट्टी का करवा एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और इस व्रत का नाम भी करवे पर पड़ा है। यह मिट्टी का करवा व्रत के महत्व को दर्शाता है। कुछ महिलाएं तो पीतल का करवा भी इस्तेमाल करती हैं, लेकिन पूजा की थाली में एक मिट्टी का करवा होना अत्यंत आवश्यक है। बाजार में आपको डिजाइनर करवे भी मिल जाएंगे, लेकिन करवे का आकार और रंग कैसा भी हो, मिट्टी का करवा शुभ माना जाता है।रोळी /कुमकुम
करवा चौथ की थाली में कुमकुम का उपयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कुमकुम को अपने पति के तिलक करने और चाँद की पूजा में काम आता है।रोली-चावल
चंद्रमा की पूजा के समय, आपको रोली और चावल को भी थाली में रखना चाहिये। रोली चावल को चाँद को अर्घ देकर रोली चावल से पति के तिलक किया जाता है।छलनी
छलनी का उपयोग चाँद को इसके अन्दर से देखा जाता है और इसके उपरान्त पति को छलनी से देखा जाता है। अतः आप पूजा की थाली में एक छलनी भी रखें। करवा चौथ के दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद, छलनी में चंद्रमा और पति का चेहरा देखा जाता है। इसलिए, आपको अपनी करवा चौथ की थाली में छलनी को भी जरूर जगह देनी चाहिए।अर्घ देने के लिए तांबे का लोटा
चाँद निकलने के उपरान्त चाँद को अर्घ देने के लिए ताम्बे का एक लौटा रखें। वैसे इसमें जो जल भरा जाता है वह कहानी सुनने के दौरान ही भरा जाता है और इसी से ही चाँद को अर्घ दिया जाता है। चाँद के निकलने पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए करवा चौथ की थाली में पानी से भरा तांबे का लोटा रखना चाहिए जिससे आप चन्द्रमा को अर्घ्य दे सकें।करवा चौथ की आरती Karava Chouth Aarti
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया..
ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी..
ओम जय करवा मैया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती..
ओम जय करवा मैया।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे..
ओम जय करवा मैया।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे..
ओम जय करवा मैया।