साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय मीनिंग

साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय हिंदी मीनिंग

साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।

Sadhu Aisa Chahiye, Jaisa Sup Shubhay,
Sar Sar Ko Gahi Rahe, Thotha Dei Uday.
 
साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय हिंदी मीनिंग Sadhu Aisa Chahiye Meaning
 

साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय हिंदी मीनिंग

कबीर साहेब की वाणी है की संतजन ऐसा होना चाहिए की अनाज साफ़ करने का सूप (छायला) जो की आनाज और कूड़े को अलग करके कूड़े को उड़ा देता है और अनाज को एक तरफ कर देता है. अतः भाव है की हमें संसार की व्यर्थ की बातों पर, सांसारिक क्रियाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए और सार रूप को ग्रहण कर लेना चाहिए. 

कबीरदास जी की यह वाणी, "साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय, सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय," एक गहन आध्यात्मिक और नैतिक संदेश देती है, जो जीवन में सार्थकता और विवेक के महत्व को रेखांकित करती है। इस दोहे का मूल भाव यह है कि एक सच्चा साधु या संत वही है, जो सूप (सुपड़ा या छलनी) की तरह हो। जैसे सूप अनाज को छानकर उसमें से कचरा और भूसी को अलग कर देता है और केवल साफ, उपयोगी अनाज को रखता है, वैसे ही एक साधु को जीवन में सारगर्भित और मूल्यवान तत्वों को ग्रहण करना चाहिए, जबकि व्यर्थ, क्षुद्र और असार बातों को त्याग देना चाहिए। 

इस दोहे का विस्तार करते हुए, यह संदेश केवल साधुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक मार्गदर्शन है। कबीरदास जी कहते हैं कि जीवन में हमें अपने विचारों, कर्मों और लक्ष्यों को छानने की आवश्यकता है। हमें उन चीजों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जो आत्मिक और नैतिक दृष्टि से मूल्यवान हों, जैसे प्रेम, सत्य, करुणा और आत्म-जागरूकता। वहीं, व्यर्थ की इच्छाओं, अहंकार, क्रोध और सांसारिक लालसाओं को छोड़ देना चाहिए, जो जीवन को बोझिल बनाती हैं। यह दोहा हमें आत्म-निरीक्षण और विवेकपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है, ताकि हम अपने समय और ऊर्जा को उन चीजों पर लगाएँ, जो वास्तव में महत्वपूर्ण हैं। 
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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