सूरा के मैदान मे कायर का क्या काम हिंदी मीनिंग Sura Ke Maidan Me Kayar Meaning : Kabir Ke Dohe Bhavarth/Arth
सूरा के मैदान मे, कायर का क्या काम
सूरा सो सूरा मिलै तब पूरा संग्राम।
Sura Ke Maidan me Kayar Ka Kya Kaam,
Sura So Sura Mile, Tab Pura Sangram.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
कबीर साहेब वाणी देते हैं की जो बहादुर हैं, शूरवीर हैं उनके रणक्षेत्र में कायरों का कोई स्थान नहीं होता है. शूरवीर से जब शूरवीर मिलता है तभी युद्ध पूर्ण होता है. इस दोहे का आशय है की सच्चा संत जिसने मोय और माया का त्याग कर दिया है वह शूरवीर है और सांसारिक प्राणी कायर है, वह माया का त्याग नहीं कर सकता है, अतः संत से जब संत मिलते हैं तभी ज्ञान पूर्ण हो पाता है.
यह दोहा कबीर के प्रसिद्ध दोहों में से एक है. इस दोहे में कबीर कहते हैं कि जो बहादुर हैं, शूरवीर हैं उनके रणक्षेत्र में कायरों का कोई स्थान नहीं होता है. शूरवीर से जब शूरवीर मिलता है तभी युद्ध पूर्ण होता है.
शूरवीरों के रण में, मैदान में कायरों का कोई काम नहीं होता है। जब शूर वीर से शूरवीर मिलता है, तभी संग्राम पूर्ण होता है और ऐसे ही जब संतजन अपने समान साधू से मिलता है तभी भक्ति पूर्ण होती है, यहाँ पर कायरों का, अपने वचनों से पलटने वालों का कोई काम नहीं होता है।
शूरवीरों के रण में, मैदान में कायरों का कोई काम नहीं होता है। जब शूर वीर से शूरवीर मिलता है, तभी संग्राम पूर्ण होता है और ऐसे ही जब संतजन अपने समान साधू से मिलता है तभी भक्ति पूर्ण होती है, यहाँ पर कायरों का, अपने वचनों से पलटने वालों का कोई काम नहीं होता है।
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