जिहि हरि जैसा जाणियाँ मीनिंग Jihi Hari Jaisa Jaaniya Meaning Kabir Dohe

जिहि हरि जैसा जाणियाँ मीनिंग Jihi Hari Jaisa Jaaniya Meaning Kabir Dohe

जिहि हरि जैसा जाणियाँ, तिन कूँ तैसा लाभ।
ओसों प्यास न भाजई, जब लग धसै न आभ॥

Jihi Hari Jaisa Janiya, Tin Ku Taisa Laabh,
Oson Pyas Na Bhajai, Jab Lag Dhane Na Aabh.
 
जिहि हरि जैसा जाणियाँ मीनिंग Jihi Hari Jaisa Jaaniya Meaning Kabir Dohe

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Word Meaning Hindi

जिहि -जिसने।
हरि - ईश्वर।
जाणियाँ- जाना/पहचाना।
तिन कूँ-उसको।
तैसा -वैसा
लाभ-फायदा.
ओसों -ओस का.
भाजई-भागती है/नष्ट होना/समाप्त होना।
जब लग -तब तक.
धसै -प्रवेश करे .
आभ-पानी। 

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग : जो व्यक्ति ईश्वर को जिस रूप में और जैसे समझता है, वह वैसे ही फल पाता है। जैसे ओस चाटने से प्यास दूर नहीं होती है। जब तक पानी नहीं पीया जाए, प्यास दूर नहीं होती है।
 
जिहि हरि जैसा जाणियाँ, तिन कूँ तैसा लाभ- इस पंक्ति से आशय है की जो ईश्वर को जैसे समझता है, जिस रूप में देखता है उसे वैसा ही फल या लाभ मिलता है।
ओसों प्यास न भाजई, जब लग धसै न आभ-इस पंक्ति से आशय है की ओस (ओसो ) से कभी प्यास दूर नहीं होती है। जब तक पानी(ईश्वर ) अंदर प्रवेश नहीं करता है। भाव है की जैसे ओस के अल्प पानी को चाटने पर प्यास दूर नहीं होती है। प्यास दूर करने के लिए पानी ही पीना पड़ता है। ऐसे ही स्वंय के द्वारा स्थापित देवता या भक्ति मार्ग से क्या लाभ होने वाला है। ये सभी ओस के समान ही हैं। जब तक परम पूर्ण ब्रह्म साधक के अंदर प्रवेश नहीं करता है, उसे कुछ भी प्राप्त नहीं होता है। 

कबीर साहेब की इस साखी से यह भाव भी प्राप्त होता है की उस परम पूर्ण ब्रह्म के नाम सुमिरण के अतिरिक्त अन्य समस्त भक्ति मार्ग एंव माध्यम तुच्छ हैं। उस परम पूर्ण ब्रह्म के सुमिरण से ही जीवात्मा की प्यास बुझ सकती है। 

Kabir Doha Meaning in English : Just as the thirst does not quench with the water of dew, the thirst quenches itself with water, in the same way the thirst of the soul does not quench without God.

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