आगि आंच सहना सुगम सुगम खडग की धार मीनिंग कबीर के दोहे

आगि आंच सहना सुगम सुगम खडग की धार मीनिंग Aagi Anch Sahana Sugam Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

आगि आंच सहना सुगम, सुगम खडग की धार,
नेह निबाहन ऐक रस महा कठिन व्यवहार।
Or
आगि  आँची सहना सुगम, सुगम खड्ग की धार,
नेह निबाह न एक रस, महा कठिन ब्यौहार। 

Aagi Aanch Sahana Sugam, Sugam Khadag Ki Dhar,
Neh Nibahn Ek Ras Maha Kathin Vyavhar.
 
आगि आंच सहना सुगम सुगम खडग की धार मीनिंग Aagi Anch Sahana Sugam Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

अर्थ: संत कबीर दास जी इस दोहे में कहते हैं कि इस संसार में आग की आंच को सहना आसान है, कठिन नहीं है, यहाँ तक की व्यक्ति तलवार की धार को भी सह सकता है । पूरे विश्व में यदि कुछ कठिन है तो वो किसी के साथ एक जैसा प्रीत का सम्बन्ध बनाये रखना है क्योंकि वक़्त के अनुसार व्यक्ति के व्यवहार और आचार में परिवर्तन आना प्राक़ृतिक एवं स्वाभाविक है। प्रेम का निर्वहन करना, प्रेम को निभाना अत्यंत ही कठिन है, इस पर कबीर साहेब की वाणी है की आग की लपटों की आंच को सहना, तलवार की तेज धार को सहन कर लेना, आसान है तुलना में की हम किसी के प्रेम के व्यवहार को निरंतर निभाएं. अतः साहेब ने स्पष्ट किया है की प्रेम का व्यवहार कोई सस्ता सौदा नहीं है, इसमें पूर्ण समर्पण की आवश्यकता होती है तब कहीं जाकर प्रेम को निभाया जा सकता है। एक रस ,एक तरह से प्रेम को निभाना अत्यंत ही विकट कार्य है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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