जौ मानुष ग्रह धर्म युत राखै शील विचार हिंदी मीनिंग Jo Manush Grah Dharm Meaning

जौ मानुष ग्रह धर्म युत राखै शील विचार हिंदी मीनिंग Jo Manush Grah Dharm Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

जौ मानुष ग्रह धर्म युत, राखै शील विचार |
गुरुमुख बानी साधु संग, मन वच सेवा सार ||
 
Jo Manukha Grah Dharm Yut, Rakhe Sheel Vichar,
Gurumukh Bani Sadhu Sang, Man Vach Seva Sar.
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब का कथन है की गृहस्थ व्यक्ति शील विचार रखता है और धैर्य का पालन करता है। वह गुरु के वचनों में रहता है और मन वचन से सेवा भाव को धारण करता है। कबीर साहेब के इस दोहे का भावार्थ यह है कि जो मनुष्य गृहस्थी धर्म का पालन करता है, शीलवान होता है, गुरुमुख वाणियों का विवेक करता है, साधु का संग करता है और मन, वचन, कर्म से सेवा करता है, उसे जीवन में लाभ मिलता है। कबीर साहेब के अनुसार, गृहस्थी धर्म का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।इस दोहे का सन्देश है की जो ग्रहस्थ मनुष्य गृहस्थी धर्म के विचारों को धारण करता है, धैर्य रखता है, गुरुमुख वाणियों का विवेक करता, साधु का संग करता और मन, वचन, कर्म से सेवा करता है उसी को भक्ति का लाभ मिलता है।
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