तन को जोगी सब करे मन को विरला कोय मीनिंग

तन को जोगी सब करे मन को विरला कोय हिंदी मीनिंग

तन को जोगी सब करे, मन को विरला कोय ।
सहजे सब विधि पाइए, जो मन जोगी होए ।
 
Tan Ko Jogi Sab Kare, Man Ko Virala Koy,
Sahaje Sab Vidhi Paiye, Jo Man Jogi Hoy.
 
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

जगत में व्यक्ति ढोंग/स्वांग रचते हैं। स्वंय को साधू दिखाते हैं। वे अपने तन को जोगी करते हैं, साधू का वेश धारण करते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने मन को जोगी नहीं करते हैं। जो अपने मन को नियंत्रित करके भक्ति को धारण करते हैं, वह सहज ही भक्ति को प्राप्त करते हैं। इस दोहे में कबीर दास जी ने शरीर और मन के बीच अंतर को समझाया है। शरीर को साफ़ करना एक बाहरी प्रक्रिया है, लेकिन मन को साफ़ करना एक आंतरिक प्रक्रिया है। शरीर को साफ़ करना आसान है, लेकिन मन को साफ़ करना मुश्किल है।
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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