आये अवध जगतपति प्यारे लिरिक्स Aaye Avadh Jagatpati Bhajan
आये अवध जगतपति प्यारे,
राम रघुवंश मणि,
यज्ञ सरिंगी दा,
बहार लैके आ गया,
फलया कल्पतरु,
मंगल छा गया,
पूरे होए इकरार अज सारे,
राम रघुवंश मणि।
शेष संग शेषपति,
लै अवतार आये,
ज्योतिषी बन शम्भु,
करन दीदार आये,
मिले इष्ट नूं इष्ट प्यारे,
राम रघुवंश मणि।
कमल जहे नैन,
मथा चंन वांगू हसदा,
शाम सिलोना राम,
नूर ब्रह्माण्ड दा,
मन मोहने बाल घुंघरारे,
राम रघुवंश मणि।
पापी पारखंडी सब,
डोले घबराये ने,
मुके दुख धरती दे,
देव हरषाये ने,
चन सूरज चमकन तारे,
राम रघुवंश मणि।
करके दीदार अज,
बिगड़ी संवार लौ,
तपदे अशांत मन,
कर ठण्डे ठार लौ,
मुखों बोल मधुप जय जयकारे,
राम रघुवंश मणि।
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Author - Saroj Jangir
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