लोकतंत्र का महापर्व है Loktantra Ka Mahaparv Hai Bhajan
लोकतंत्र का महापर्व है,
हम इसका सम्मान करें,
हम जागें और सबको जगाएं,
राष्ट्र के हित मतदान करें।
हम ही राष्ट्र का भाग्य बदलते,
जब हम करते हैं मतदान,
वही बीज बोना है जिससे,
देश बने सामर्थ्यवान,
जात-पात मत पंथ भुला कर,
संस्कृति का हम ध्यान करें।
निर्बल दुर्बल और पिछडों का,
सबसे पहले हो सम्मान,
शिक्षा स्वास्थ्य सुलभ हों सब को,
रोटी कपड़ा और मकान,
एक एक मत मूल्यवान है,
बढ़ चढ़ कर मतदान करें।
करें लोकमत परिष्कार हम,
जन जन में विश्वास भरें,
गौरव बढ़ा देश का जिनसे,
हम उनका सत्कार करें,
स्वार्थ और लालच को तजकर,
मत देकर जलपान करें,
हम जागें और सबको जगाएं,
राष्ट्र के हित मतदान करें।
विकसित भारत का प्रण लेकर,
जो अनथक है बढ़ा चला,
370 उड़ी हवा में,
अवध में आये रामलला,
जिसने जग में धाक जमा दी,
उसका पथ आसान करें।
लोकतंत्र का महापर्व है,
हम इसका सम्मान करें,
हम जागें और सबको जगाएं,
राष्ट्र के हित मतदान करें।
लोकमत परिष्कार अभियान गीत|| लोकतंत्र अभियान गीत ||राष्ट्र के हित मतदान करें || LOKTANTRA ABHIYAN
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