जल में बसे कमोदनी चंदा बसे आकाश हिंदी मीनिंग Jal Me Base Kumodini Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
जल में बसे कमोदनी, चंदा बसे आकाश ।
जो है जा को भावना, सो ताहि के पास ।
Jal Me Base Kamodani, Chanda Base Aakash,
Jo Hai Jako Bhavana, To Tahi Ke Pas.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
जल में कुमोदिनी बसती है और चंदा आकाश में बसता है, लेकिन फिर भी दोनों पास में ही रहते हैं। जिसकी जैसी भावना होती है वह वैसे फल को प्राप्त करता है। अतः इस दोहे में सन्देश मिलता है की यदि हम अपने हृदय से ईश्वर के समीप होते हैं, हृदय से ईश्वर की भक्ति करते हैं तो अवश्य ही ईश्वर को प्राप्त करते हैं। कबीर दास जी के इस दोहे से हमें यह शिक्षा मिलती है कि ईश्वर को पाने के लिए सच्ची भावना और भक्ति ही आवश्यक है। कोई भी साधन या उपाय ईश्वर को प्राप्त करने में सहायक नहीं है। अगर हम सच्चे मन से ईश्वर की आराधना करते हैं तो ईश्वर हमें अवश्य ही प्राप्त हो जाएंगे। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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