कोइ एक राखै सावधां चेतनि पहरै जागि हिंदी मीनिंग Koi Ek Rakhe Savadha Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
कोइ एक राखै सावधां, चेतनि पहरै जागि।बस्तर बासन सूं खिसै, चोर न सकई लागि॥
Koi Ek Rakhe Savadha, Chetani Pahre Jagi.
Bastar Basan Su Khise, Chor Na Sakai Lagi.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब इस दोहे में सन्देश देते हैं की साधक को अपनी चेतना को इतना जाग्रत रखना चाहिए कि विषय-वासना रूपी चोर व्यक्ति की चेतना शक्ति में प्रविष्ट न हो सके और वस्त्र एवं बरतनो से यदि दूर रहो अर्थात् विषय-वासना से दूर रहो तो चोर कहीं आकर क्या लेगे?
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