इसके लिए खोज परिणाम chetavani bhajan

भाई रे मत दीजे मावड़ली ने दोष भजन

भाई रे मत दीजे मावड़ली ने दोष भजन   करमा री रेखा न्यारी न्यारी, न्यारी न्यारी रे रेखा न्यारी न्यारी, भाई रे, मत दीज्यो मावड़ली ने दोष, करमा...

Saroj Jangir

मन फूला फूला फिरे जगत में भजन

कबीर भजन : मन वृथा ही जगत को अपना स्थायी घर समझने लगता है। मन गर्वित होता है जो महज़ मिथ्या है। माता, पिता, बहन, भाई, स्त्री का नाता बस दिखाव...

Saroj Jangir 1

इक राम का नाम ही बन्दे लिरिक्स

इक राम का नाम ही बन्दे लिरिक्स इक राम का नाम ही बन्दे, संग तुम्हारे जायेगा, इस धरा का इस धरा पे, सब धरा रह जायेगा, इक राम का नाम...

Saroj Jangir

क्यों चिंता करता बेकार

क्यों चिंता करता बेकार क्यों चिंता करता बेकार, द्वारे पे तेरे खड्यो है दातार, देगो चुगेरो है जाने चोंच दई। धन धान मान दियो है, और सुंदर दई द...

Saroj Jangir

भजन करो जिंदगानी में लिरिक्स

भजन करो जिंदगानी में लिरिक्स सारी दुनिया सारी दुनिया, सारी दुनिया पानी में, भजन करो जिंदगानी में, तुम भजन करो जिंदगानी में। राम ...

Saroj Jangir

जागृत रहना रे नगर में चोर आवेगा

जागृत रहना रे नगर में चोर आवेगा भजन   आया है सो जाएगा, राजा रंक फ़कीर, एक सिंघासन चढ़ी चले, एक बाँधे ज़ंजीर। चोर आवेगा, नगर में चोर आवेगा, होशि...

Saroj Jangir

मत देरे बीरा मायड न दोष राजस्थानी भजन

मत देरे बीरा मायड न दोष करमा री रेखा न्यारी न्यारी राजस्थानी भजन यह एक राजस्थानी भाषा का लोकगीत है जिसमे चेतावनी के माध्यम से सन्देश है की भ...

Saroj Jangir

मुझे दिल की बिमारी है भजन

मुझे दिल की बिमारी है भजन नबजिया वेद क्या देखे, मुझे दिल की बिमारी है। कभी कफ रोग बतलाये, कभी तासीर गरमी की, जिगर का हाल तू मेरा, ना जाने तू...

Saroj Jangir

जाग मुसाफ़िर जाग अब तो जाग

जाग मुसाफ़िर जाग अब तो जाग मुसाफिर जाग घणा दिन सो लियो रे, अब तो जाग मुसाफिर जाग, समय तेरो हो लियो रे, अब तो जाग मुसाफिर जाग। सत्संग में कोई...

Saroj Jangir

चिंता करें भलाई हमारी इस माया जंजाल की

चिंता करें भलाई हमारी इस माया जंजाल की चिंता करें भलाई हमारी, इस माया जंजाल की, चिंता करें भलाई हमारी, इस माया जंजाल की, बलिहारी बलिहारी बोल...

Saroj Jangir

श्री मन नारायण नारायण हरि हरि

श्री मन नारायण नारायण हरि हरि वर्षों तक वन में घूम घूम, बाधा विघ्नों को चूम चूम, सह धूप घाम पानी पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर, ...

Saroj Jangir