श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी लिरिक्स Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी लिरिक्स Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics

 
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी लिरिक्स Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा,
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा,

बंदी गृह के तुम अवतारी, कही जन्मे कही पले मुरारी,
किसी के जाए किसी के कहाये, है अदभुद हर बात तिहारी,
गोकुल में चमकें मथुरा के तारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा,

अधर में बन्शी ह्रदय में राधे, बट गए दोनों में आधे आधे,
हे राधा नागर हे भक्त वत्सल, सदैव भक्तो के काम साधे,
वही गए जहा गए पुकारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा,

गीता में उपदेश सुनाया, धर्म युद्ध को धर्म बताया,
कर्म तो कर मत रख, फल की इच्छा, ये सन्देश तुम्ही से पाया,
अमर है गीता के बोल सारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा,
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा,

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी लिरिक्स  Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics 2020

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा

भक्तो को तारा तो क्या तुम ने तारा,
रो रो के कहता है ह्रदय हमारा
जब जणू सब पाप हर लो हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

कहते हैं लोग तुम्हे दिनों का स्वामी
सुनते नहीं नाथ मेरी कहानी
अब तो दया कीजिए नाथ प्यारे
हे नाथ नारायण वसु देवा

लाखो की तमने है बिगड़ी बनाई
अब तो तो प्रभु जी मेरी बरी आई
फिर भूल से याद कीजिए नाथ प्यारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

लाखो में ढूंढा न पाया सहारा
अब तो तेरे दर पे पल्ला पसारा
खली न जाए तेरे दर से प्यारे


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