रामायण भजन जय जय गिरिराज किशोरी लिरिक्स

रामायण भजन जय जय गिरिराज किशोरी Ramayan Bhajan Jay Jay Giriraj Kishori

 
रामायण भजन जय जय गिरिराज किशोरी लिरिक्स Ramayan Bhajan Jay Jay Giriraj Kishori Lyrics

जय जय गिरिराज किशोरी,
जय महेश मुख चंद चकोरी,

जय गजबदन षडानन माता,
जगत जननि दामिनी दुति गाता,
देवी पूजि पद कमल तुम्हारें,
सुर नर मुनि सब होहीं सुखारे,

मोर मनोरथ जानहु नीके,
बसहु सदा उर पुर सबही के,

कीन्हेऊँ प्रगट न कारन तेहीं,
अस कहि चरन गहे बैदेही,

बिनय प्रेम बस भई भवानी,
खसी माल मुरति मुसुकानी,

सादर सियँ प्रसादु सर धरेउँ,
बोली गैरी हरषु हियँ भरेउँ,

सुनु सिय सत्य असीस हमारी,
पूजिहि मन कामना तुम्हारी,

नारद बचन सदा सूचि सांचा,
सो बरूं मिलिहि जाहिं मनु राँचा,

मनु जाहिं राचेउँ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर साँवरो,
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो,
एही भाँती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियँ हरषीं आली,
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली,
 


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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