तू जाणे महारानी तेरिया तू जाणे भजन
तू जाणे महारानी तेरिया तू जाणे भजन
श्री नरेंद्र चंचल जी के द्वारा यह माता रानी का भजन है जिसमे माता रानी की महिमा के बारे में कहा गया है की माँ की महिमा को माँ ही जान सकती है। माता रानी ही पानी पर धरती को तैरा सकती है जिसे देख कर सभी ग्यानी/सयाने अचंभित हैं।
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
तेरिया कित्तियाँ कौन उथले,
मौजां लेण दे चल बलल्ले
भूखे मरण सयाणे
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
ब्रह्मा पार भी पा ना सकिया,
नारद महिमा गा ना सकिया,
मन मन तेरे भावे,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
नाम तेरा माँ शक्ति देवे,
मुक्ति देवे भक्ति देवे,
जिसनूं बक्शे पौन,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
विच्च गुफा दे वास तेरा,
खाली क्यों मन मंदिर मेरा,
आ जा किसी बहाने,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
माया तेरी है महामाई,
धरती पानी उत्ते तराई,
होण हरैान सियाणे,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
महारानी तेरिया तू जाणे।
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
तेरिया कित्तियाँ कौन उथले,
मौजां लेण दे चल बलल्ले
भूखे मरण सयाणे
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
ब्रह्मा पार भी पा ना सकिया,
नारद महिमा गा ना सकिया,
मन मन तेरे भावे,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
नाम तेरा माँ शक्ति देवे,
मुक्ति देवे भक्ति देवे,
जिसनूं बक्शे पौन,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
विच्च गुफा दे वास तेरा,
खाली क्यों मन मंदिर मेरा,
आ जा किसी बहाने,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
माया तेरी है महामाई,
धरती पानी उत्ते तराई,
होण हरैान सियाणे,
तेरिया तू जाणे,
तू जाणे, तू जाने,
महारानी तेरिया तू जाणे।
Narender Chanchal Tu Jane Maharani Teriya
चाहे वह ब्रह्मा हो या नारद—उनकी पूर्ण महिमा को समझ या वर्णन नहीं कर सकता। माँ की कृपा ही वह शक्ति है जो भक्त को मुक्ति, भक्ति और जीवन की सार्थकता प्रदान करती है। भक्त का यह विश्वास कि माँ सब कुछ जानती है और उनकी इच्छा से ही सृष्टि संचालित होती है, उसे उनके चरणों में पूर्ण समर्पण की ओर ले जाता है। माँ की कृपा के बिना मानव जीवन अधूरा है, और वह उनके दर्शन और आशीर्वाद की तीव्र लालसा रखता है, ताकि उसका मन मंदिर उनकी उपस्थिति से आलोकित हो।Singer : Narendra Chanchal
सृष्टि का प्रत्येक तत्व—धरती, पानी, और जीवन—माँ की इच्छा और शक्ति से संचालित है। सांसारिक माया और भौतिक सुखों में लिप्त होने से मनुष्य भटक जाता है, और केवल माँ की शरण में ही वह सच्ची शांति और मुक्ति पा सकता है। माँ किसी भी बहाने से उसके हृदय में विराजमान हों, उसकी गहरी आध्यात्मिक प्यास को व्यक्त करती है। सच्ची भक्ति और माँ के प्रति पूर्ण विश्वास ही वह मार्ग है, जो जीवन की हर उलझन को सुलझा सकता है और मनुष्य को उसकी माया से परे ले जाकर आत्मिक आनंद प्रदान कर सकता है।
