हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी पाई अमर निशानी

हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी पाई अमर निशानी भजन

हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी।

पाग उलटि गुरु, हंसा किन्हा, दिन्ही नाम निशानी,
हंसा पहुँचे सुख सागर पर, मुक्ति भरे जहँ पानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी।

जल बिच कुंभ कुंभ बिच जल है, बाहर भीतर पानी,
विकशों कुंभ जल जलहिं समाना, ये गति विरले जानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी।

है अथाह थाह सन्तन में, दरिया लहर समानी,
धीवर जाल दार क्या करिहें,जब मीन पिघल भए पानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी।

अनुभव-ज्ञान उजलता के वाणी,सौ है अकथ कहानी,
कहें कबीर गूँगे की सैन, जिन जानी तिन मानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी,
हमारे गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी, पाई अमर निशानी।

गुरु मिले ब्रह्मज्ञानी | कबीर भजन | Guru Mile Brahmgyaani

Hamaare Guru Mile Brahmagyaani, Pai Amar Nishaani,
Hamaare Guru Mile Brahmagyaani, Pai Amar Nishaani.

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