या दुनिया दो रोज की मत कर यासो हेत मीनिंग कबीर के दोहे

या दुनिया दो रोज की मत कर यासो हेत मीनिंग Ya Duniya Do Roj Ki Meaning

या दुनिया दो रोज की, मत कर यासो हेत,
गुरु चरनन चित लाइये, जो पुरण सुख देत।

Ya Duniya Do Roj Ki, Mat Kar Yaso Het,
Guru Charanan Chit Laiye, Jo Puran Sukh Det.

या दुनिया दो रोज की मत कर यासो हेत शब्दार्थ Ya Duniya Do Roj Ki Shabdarth Hindi

  • या : यह
  • दुनिया : संसार/जगत
  • दो रोज की : क्षण की।
  • मत कर : नहीं करो।
  • यासो : इससे।
  • हेत : नेह, रिश्ता जोड़ना।
  • गुरु चरनन : गुरु के चरणों में।
  • चित लाइये : हृदय को जोड़ लो।
  • जो : जो
  • पुरण : पूर्ण।
  • सुख देत : सुख देते हैं।

या दुनिया दो रोज की मत कर यासो हेत हिंदी मीनिंग /अर्थ /भावार्थ Ya duniya Do Roj Ki Meaning in Hindi : kabir ke dohe

कबीर साहेब इस दुनिया (जगत) को क्षणिक कहते हैं और बताते हैं की स्थाई नहीं है, इस जीवन में दो रोज के हैं, बहुत अल्प समय के लिए हैं। अतः हमें इससे हेत नहीं करना चाहिए। इससे नेह को नहीं जोड़ना चाहिए। गुरु के चरण कमल ही पूर्ण और स्थाई सुख देने वाले हैं। 
 
या दुनिया दो रोज की मत कर यासो हेत मीनिंग Ya Duniya Do Roj Ki Meaning
 

“ कबीर  माया  पापणी  फंध  ले  बैठि  हाटि।
सब  जगत  तो  फंधै  पड़ा , गया  कबीरा  काटि।। ” 
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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