चलती चक्की देख के दिया कबीरा रोय हिंदी मीनिंग Chalati Chakki Dekh Ke Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit.
चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोय ।
दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोए ।
Chalati Chakki Dekh Ke, Diya Kabira Roy,
Do Patan Ke Beech Me, Sabut Bacha Na Koy.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
इस दोहे में कबीर साहेब का कथन है की संसार रूपी चक्की को चलता हुआ देखकर कबीर साहेब बहुत व्यथित हो उठे हैं। वे रुदन करते हैं की इस चक्की में कोई भी साबुत (सुरक्षित) नहीं बचा है। आशय है की मानव जीवन अत्यंत ही अनमोल होता है, व्यक्ति इसे तुच्छ सांसारिक कार्यों में व्यर्थ में ही गँवा देता है। इस जीवन के महत्त्व को समझते हुए व्यक्ति को माया संग्रह को त्याग करके हरी के नाम का सुमिरन करना चाहिए। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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