कबीर निज घर प्रेम का मारग अगम अगाध हिंदी मीनिंग

कबीर निज घर प्रेम का मारग अगम अगाध हिंदी मीनिंग Kabir Nij Ghar Prem Ka Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit.

कबीर निज घर प्रेम का, मारग अगम अगाध।
सीस उतारि पग तलि धरै, तब निकट प्रेम का स्वाद॥
 
Kabir Nij Ghar Prem Ka, Marag Agam Agadh,
Sheesh Utari Pag Tali Dhare, Tab Nikat Prem Ka Swad.
 
 
कबीर निज घर प्रेम का मारग अगम अगाध हिंदी मीनिंग Kabir Nij Ghar Prem Ka Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब का कथन है की अपना खुद का घर तो जीवात्मा के लिए प्रेम ही है। प्रेम का रास्ता बड़ा ही विकट होता है। प्रेम का मार्ग बहुत ही विशाल और लम्बा है जिसका कोई छोर नहीं होता है। प्रेम का स्वाद भी तभी सुगम हो सकता है जब तक की अपने सर को उताकरकर उसे पैरों के नीचे रख दिया जाय। 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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