कायर बहुत पमांवहीं, बहकि न बोलै सूर हिंदी मीनिंग Kayar Bahut Pamavahi Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Hindi
कायर बहुत पमांवहीं, बहकि न बोलै सूर।
काम पड्यां हीं जाणिये, किस मुख परि है नूर॥
Kayar Bahut Pamavahi, Bahaki Na Bole Soor,
Kaam Padya Hi Janiye, Kis Mukh Pari Hai Noor.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
इस दोहे का भावार्थ है की कायह ही बड़ी बड़ी बाते करते हैं, डींगे हांकते हैं। शूरवीर अपने निश्चित लक्ष्य के अतिरिक्त कोई भी बात नहीं करता है। काम पड़ने पर ही यह जाना जाता है की किसके मुख पर नूर है, चमक है। आशय है की शूरवीर सदा ही अपने लक्ष्य पर अडिग रहता है। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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