रहना नहिं देस बिराना है हिंदी मीनिंग

रहना नहिं देस बिराना है हिंदी मीनिंग Rahana Nahi Desh Birana Meaning : Kabir Ke Pad Hindi Arth Bhavarth Sahit

रहना नहिं देस बिराना है।
यह संसार कागद की पुड़िया, बूँद पड़े घुल जाना है।
यह संसार काँट की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है।
यह संसार झाड़ औ झाँखर, आग लगे बरि जाना है।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरु नाम ठिकाना है॥
 
रहना नहिं देस बिराना है हिंदी मीनिंग Rahana Nahi Desh Birana Meaning : Kabir Ke Pad Hindi Arth Bhavarth Sahit
 

कबीर साहेब इस जगत को कागज़ की पुड़िया के समान क्षणिक बताते हैं और कहते हैं की यह देश पराया है, इसमें रहना नहीं है। जैसे कागज़ की पुड़िया पर पानी की बूँद लगने पर वह गल जाती है ऐसे ही यह संसार क्षणिक होता है। यह संसार कांटे की बाड़ी उलझ पुलझ के मर जाना है। यह संसार झाड़ और झंखाड़ आग लगने पर जल जाना है। इस साखी में कबीर दास जी ने संसार की नश्वरता और सतगुरु के नाम की महत्ता पर प्रकाश डाला है। वे कहते हैं कि यह संसार एक पराया देश है, यहाँ नहीं रहना है। यह संसार कागज़ की पुड़िया की तरह है जो एक बूँद पानी से गल जाती है। यह काँटों की झाड़ी है जिसमें उलझकर लोग मर जाते हैं। यह झाड़-झंखाड़ है जो आग लगते ही जल जाता है। कबीर साहेब की वाणी के अनुसार सतगुरु का नाम ही एकमात्र ठिकाना है. 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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