
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
थारे घट में विराजे भगवान थारे घट में विराजे भगवान, बाहर काई जोवती फिरे। नो नहाई नौरता दसवें नहाई काती, हरी नाम की सुध नही लेवे, फिरे गलियो...
लिख दो म्हारे रोम रोम में भजन संत हमारी आत्मा और, मैं संतन की देह, रोम रोम में रम रह्या, प्रभु ज्यूँ बादल बीच महेश, लिख दो म्हारें रोम रोम म...
काँटो लाग्यो रे सतसंगत में भजन एक घड़ी, आधी घड़ी, और आधी में पूणिआध, तुलसी सतसंग संत की, कटे करोड़ अपराध, तपस्या बरस हजार की, और सतसंग की पल एक...
किण ने सुणाऊँ गुरु ज्ञान भजन कबीरा सोया क्या करे, उठ भजे भगवान, जम जब धर ले जाएंगे, पड़ी रहेगी म्यान। सुण सुण म्हारां मनवा बीर, ऐड़ी नहीं कर...
उण घर ज्याई ज्ये बैरण निंदरा भजन यह भजन राजस्थानी भाषा का एक पारम्परिक चेतावनी भजन है जिसे भरतरी भजन भी कहा जाता है। निंदरा से आशय अज्ञान ...
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रै मीनिंग राम किसी को मारे नहीं, और ना हत्यारा राम, अपने आप मर जावसी, भाई कर कर खोटा काम। हेली म्हारी निर्भय रहीज...
नीच नीचता त्यागे कोनी मीनिंग अभिमान से जात है, राज जोर (तेज़ ) और वंश, (अभिमान से जात है, राज तेज और वंश । तीनों ताला दे गया रावण , कौरव , क...
मारवाड़ रो पीर बाणीयो जाए रे समंद री तीर भजन राम कहूँ के रामदे, हीरा कहूं के लाल, ज्याने मिल गया रामदेव, पल में कीन्हा निहाल, मारवाड़ रो प...
सूता शेर जंगल का राजा उसे जगाणा ना चाहिए भजन सुता सुता क्या करों, और सुता ने आवें नींद जम सिराणे आय खड़ा ज्यूँ तोरण आया बींद (दूल्हा), सूता...