जाती रो कारण है नही संतो भजन मीनिंग Jaati Ro Karan Hai Nahi Santa

जाती रो कारण है नही संतो भजन मीनिंग Jaati Ro Karan Hai Nahi Santa Anil Nagori

 
Jaati Ro Karan Hai Nahi Santa Anil Nagori

जाती ना पूछो संत की,
पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तलवार को,
पड़ी रहन दो म्यान।

जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है,
सिमर सिमर निर्भय हुआ है,
देव दर्शया घट माहीं रै,
जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है।

अठ्यासी हजार तपसी तपता,
एक वन रे माहीं है,
भेळी तपती शबरी भीलण,
ज्यामे अंतर् नाही है,
जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है।

यज्ञ रचायो पाँचव पांडव,
हस्तिनापुर रे माहीं है,
बाल्मीकि जी शंख बजायो,
जाती रो कारण नाहीं है,
जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है।

चमार जाति रविदास री ने,
गुरु किया मीरा बाई ने,
राणों जी जद परचो माँगियो,
कुंड में गंग दिखाई है,
जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है।

रामदास सिमरे राम ने,
खेड़ापे रे माहीं है,
राजा प्रजा और बादशाह,
सब ही शीश नवाई है,
जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है।

जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है,
सिमर सिमर निर्भय हुआ है,
देव दर्शया घट माहीं रै,
जाति रो कारण,
नहीं म्हारा मनवा,
सिमरे झका रो साईं है। 

जाती ना पूछो संत की,
पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तलवार को,
पड़ी रहन दो म्यान :
कबीर साहेब की वाणी है की किसी भी वस्तु का जैसे हम गुणों के आधार पर मूल्य तय करते हैं वैसे ही साधू की जात नहीं अपितु उसके ज्ञान का मोल होना चाहिए। जैसे तलवार का मोल करना चाहिए, म्यान (बाहरी खोल जिसमे तलवार को रखा जाता है ) का नहीं। ऐसे ही किसी व्यक्ति का भी मोल उसके गुणों के आधार पर ही होना चाहिए, ना की उसकी जात पात और कुल के आधार पर।
जाति रो कारण, नहीं म्हारा मनवा : मेरे मन यह जाति का कारण नहीं है।
सिमरे झका रो साईं है, सिमर सिमर निर्भय हुआ है : जो भी हरी के नाम का सुमिरण करता है, ईश्वर /साईं उन्ही का है।  झका -जो, जिनका। सिमरे-सुमिरण। बारम्बार सुमिरण से ही जीवात्मा निर्भय हुई है।
देव दर्शया घट माहीं रै : देवता, ईश्वर के दर्शन उसे स्वंय के ही घट में हुए हैं।
जाति रो कारण, नहीं म्हारा मनवा : यह जाति की बात नहीं है मेरे मन। मनवा-मन, चित्त, हृदय।
अठ्यासी हजार तपसी तपता, एक वन रे माहीं है : उदाहरण है की इस जगत रूपी वन में अठ्यासी हजार तपस्वी तपस्या तपते हैं, तपस्या करते हैं।
भेळी तपती शबरी भीलण,  ज्यामे अंतर् नाही है : इन्ही के साथ ही शबरी भीलनी भी तपस्या करती हैं, भक्ति करती हैं तो दोनों में कोई अंतर् नहीं होता है। भेळी -साथ में।
यज्ञ रचायो पाँचव पांडव, हस्तिनापुर रे माहीं है : हस्तिनापुर में पाँचों पांडवों ने यज्ञ का आयोजन किया।
बाल्मीकि जी शंख बजायो, जाती रो कारण नाहीं है : वाल्मीकि जी ने यज्ञ में शंखनाद किया, इस प्रकार से जाती का कोई कारण नहीं होता है।
चमार जाति रविदास री ने, गुरु किया मीरा बाई ने : रविदास जी की जाति चमार थी लेकिन मीरा बाई ने उनको अपना गुरु बनाया।
राणों जी जद परचो माँगियो, कुंड में गंग दिखाई है : बाई मीरा के पति, राणा जी ने जब सबूत (परचा) माँगा तो उन्होंने कुंड में ही गंगा जी के दर्शन करवा दिए।
 

Anil Nagori जाती रो कारण है नही संतो jati ro karan he nhi santo अनिल नागौरी

Jaati Na Puchho Sant Ki,
Puchh Lijiye Gyaan,
Mol Karo Talavaar Ko,
Padi Rahan Do Myaan.

Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai,
Simar Simar Nirbhay Hua Hai,
Dev Darshaya Ghat Maahin Rai,
Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai.

Athyaasi Hajaar Tapasi Tapata,
Ek Van Re Maahin Hai,
Bheli Tapati Shabari Bhilan,
Jyaame Antar Naahi Hai,
Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai.

Yagy Rachaayo Paanchav Paandav,
Hastinaapur Re Maahin Hai,
Baalmiki Ji Shankh Bajaayo,
Jaati Ro Kaaran Naahin Hai,
Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai.

Chamaar Jaati Ravidaas Ri Ne,
Guru Kiya Mira Bai Ne,
Raanon Ji Jad Paracho Maangiyo,
Kund Mein Gang Dikhai Hai,
Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai.

Raamadaas Simare Raam Ne,
Khedaape Re Maahin Hai,
Raaja Praja Aur Baadashaah,
Sab Hi Shish Navai Hai,
Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai.

Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai,
Simar Simar Nirbhay Hua Hai,
Dev Darshaya Ghat Maahin Rai,
Jaati Ro Kaaran,
Nahin Mhaara Manava,
Simare Jhaka Ro Sain Hai.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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