शिक्षक दिवस पर कबीर के दोहे अर्थ सहित Shikshak Diwas Par
शिक्षक दिवस पर कबीर के दोहे अर्थ सहित Shikshak Diwas Par Kabir Dohe गुरु (शिक्षक) और शिष्य (छात्र) का सम्बन्ध अत्यंत ही प्राचीन समय से आदर का सम्बन्ध…
જે ગમે જગત ગુરુ દેવ જગદીશને, તે તણો ખરખરો ફોક કરવો; આપણો ચિંતવ્યો અર્થ
सभी गुजराती भजन देखेंहत्थ फड़ के तू सिखाया जिन्नू तुरना : जिसे तुमने हाथ पकड़ कर चलना सिखाया।
सभी पंजाबी लोकगीत देखेबाय चाल्या छा भंवर जी पींपळी जी, हांजी ढोला हो गई घेर घुमेर,
सभी राजस्थानी फोक सोंग देखेंहे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा, मैं बूढ़े गेल्याँ (साथ) ब्याही,
सभी हरियाणवी फोक सोंग देखेढोलकीच्या तालावर घुंगरच्यां बोलावर, मी नाचते मीं डोलते
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