
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
मैया कबहुँ बढ़ेगी चोटी भजन मीनिंग यह पद सूरदास जी के द्वारा रचित है जिसमे बाल कृष्ण अपनी माता से संवाद करते हुए पूछते हैं की मैया, मेरी चोटी...
ऊधौ तुम हौ अति बड़भागी हिंदी मीनिंग ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी। अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी। पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दा...
हरि हैं राजनीति पढ़ि आए मीनिंग हरि हैं राजनीति पढ़ि आए। समुझी बात कहत मधुकर के, समाचार सब पाए। इक अति चतुर हुते पहिलैं ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ा...
हमारैं हरि हारिल की लकरी हिंदी मीनिंग हमारैं हरि हारिल की लकरी। मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी। जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्...
मन की मन ही माँझ रही हिंदी मीनिंग मन की मन ही माँझ रही। कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही। अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही। अब इन जोग...
बूझत स्याम कौन तू गोरी हिंदी मीनिंग बूझत स्याम कौन तू गोरी। कहाँ रहति काकी है बेटी, देखी नहीं कबहूँ ब्रज-खोरी॥ काहे को हम ब्रज-तन आवतिं, ख...