तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे Tirloki Ro Naath Jaat Ghar Rah Gayo

तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे लिरिक्स Tirloki Ro Naath Jaat Ghar Rah Gayo Haali

 
तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे लिरिक्स Tirloki Ro Naath Jaat Ghar Rah Gayo Haali

सौ बीघा को खेत जाट रो,
राम भरोसे खेती रे,
आधा में बाया गेहूँ चणा नै,
आधा में दाणा मैथी रे,
बिना बाड़ रो, खेत जाट रो,
श्याम रूखाळी रे,
तिरलोकी रो नाथ जाट,
घर रह गयो हाळी रे।

जाट जाटणी निर्भय सुता,
सुता छोरा छोरी रे,
साँवरियो पोहरा रे ऊपर,
कौन करेला चोरी रे,
चोर आवे पर चक्कर लगावे,
जावे खली रे,
तिरलोकी रो नाथ,
जाट घर रह गयो हाळी रे,

मोठ बाजरी रो राम सोगरो,
ऊपर घी रो लचको रे,
पालक री तरकारी रान्धू,
भरे मूली रे बटको रे,
छाछ राबड़ी रा करे कलेवो,
भर भर थाली रे,
तिरलोकी रो नाथ,
जाट घर रह गयो हाळी रे
रह गयो हाळी रह गयो हाळी,
रह गयो हाळी रे
तिरलोकी रो नाथ जाट घर,
रह गयो हाळी रे

Dhanna ji charitra | Triloki ro nath jaat ke by Radhekrishna maharaj

Sau Bigha Ko Khet Jaat Ro,
Raam Bharose Kheti Re,
Aadha Mein Baaya Gehun Chana Nai,
Aadha Mein Daana Maithi Re,
Bina Baad Ro, Khet Jaat Ro,
Shyaam Rukhaali Re,
Tiraloki Ro Naath Jaat,
Ghar Rah Gayo Haali Re.

Jaat Jaatani Nirbhay Suta,
Suta Chhora Chhori Re,
Saanvariyo Pohara Re upar,
Kaun Karela Chori Re,
Chor Aave Par Chakkar Lagaave,
Jaave Khali Re,
Tiraloki Ro Naath,
Jaat Ghar Rah Gayo Haali Re,

Moth Baajari Ro Raam Sogaro,
upar Ghi Ro Lachako Re,
Paalak Ri Tarakaari Raandhu,
Bhare Muli Re Batako Re,
Chhaachh Raabadi Ra Kare Kalevo,
Bhar Bhar Thaali Re,
Tiraloki Ro Naath,
Jaat Ghar Rah Gayo Haali Re
Rah Gayo Haali Rah Gayo Haali,
Rah Gayo Haali Re
Tiraloki Ro Naath Jaat Ghar,
Rah Gayo Haali Re

तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी मीनिंग

सौ बीघा को खेत जाट रो : धन्ना भगत जो जाती से जाट था, उसके घर पर साँवरिया सेठ हाळी रह जाते हैं। हाली से आशय ही की बंटाई दारी में हाली खेत की रखवाली करता है और उपज का आधा हिस्सा हाली का और आधा खेत के मालिक का होता है। धन्ना भगत के स्वंय त्रिलोकी के नाथ हाली रह जाते हैं।
राम भरोसे खेती रे : भगत की खेती तो राम भरोसे ही चलती है।
आधा में बाया गेहूँ चणा नै : आधा तो मैंने गेहूं और चना उगाया है।
आधा में दाणा मैथी रे : और आधा मैंने मेथी दाणा, मेथी को लगाया है।
बिना बाड़ रो, खेत जाट रो : मेरा खेत बिना बाड़ का है, इसमें कोई सुरक्षा दीवार नहीं है।
श्याम रूखाळी रे : मेरे खेत की रखवाली तो स्वंय श्याम करते हैं।
तिरलोकी रो नाथ जाट, घर रह गयो हाळी रे : तीन लोकों के नाथ श्री श्याम जी जाट के खेत में हाली के रूप में काम करते हैं।
जाट जाटणी निर्भय सुता : जाट निर्भय होकर सो रहा है।
सुता छोरा छोरी रे : उसके बच्चे भी सो रहे हैं।
साँवरियो पोहरा रे ऊपर : सांवरिया का खेत पर ऊपर से पहरा लग रहा है।
कौन करेला चोरी रे : किसकी हिम्मत है जो सांवरिया के रखवाली करते हुए मेरे खेत में चोरी करेगा।
चोर आवे पर चक्कर लगावे जावे खली रे : जो भी चोर आते हैं वे चक्कर लगा कर खाली हाथ ही लौट जाते हैं।
मोठ बाजरी रो राम सोगरो : जाट के घर सेठ सांवरा बाजरा की बनी हुई मोटी रोटी/सोगरा, को खाते हैं।
ऊपर घी रो लचको रे : और ऊपर से भरपूर मात्रा में घी भरा है।
पालक री तरकारी रान्धू : पालक की सब्जी बनाता हूँ।
भरे मूली रे बटको रे : मूली के बटका /मुंह से बाइट काट कर खाना।
छाछ राबड़ी रा करे कलेवो : छाछ और राबड़ी (बाजरे के आटे से बना पेय ) का नाश्ता होता है। कलेवा का मतलब सुबह का नास्ता होता है।
भर भर थाली रे, तिरलोकी रो नाथ : त्रिलोकी के नाथ थाली भर भर के खाते हैं।
 
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