मैं तो दुल्हन बनुगी घनश्याम की
मैं तो रानी बनुगी ब्रज धाम की ।
अपने पिया की मैं दुल्हन बन जाऊँगी
वृंदावन की कुंज गलिन में झूमू नाचूँ गाऊँगी
मेंरे कजरा लगा दो,
मेरे मेंहन्दी सजा दो ।।1।।
रग रग में मेरे रंगा है सांवरिया
प्रीत लगा के मैं हुई रे बांवरियाँ
मेरी लाली लगा दो,
मेरी बिंदिया सजा दो
मुझे चुंदरी सजा दो ।।2।।
अपने प्यारे की मैं दुल्हन बन जाऊँगी
दुल्हन बन जाऊंगी मैं श्याम श्याम गाऊँगी
ओ मेरे महावर लगा दो
मुझे साड़ी पहना दो ।।3।।
मैं तो रानी बनुगी ब्रज धाम की ।
अपने पिया की मैं दुल्हन बन जाऊँगी
वृंदावन की कुंज गलिन में झूमू नाचूँ गाऊँगी
मेंरे कजरा लगा दो,
मेरे मेंहन्दी सजा दो ।।1।।
रग रग में मेरे रंगा है सांवरिया
प्रीत लगा के मैं हुई रे बांवरियाँ
मेरी लाली लगा दो,
मेरी बिंदिया सजा दो
मुझे चुंदरी सजा दो ।।2।।
अपने प्यारे की मैं दुल्हन बन जाऊँगी
दुल्हन बन जाऊंगी मैं श्याम श्याम गाऊँगी
ओ मेरे महावर लगा दो
मुझे साड़ी पहना दो ।।3।।
☛ Singer Name: बाबा चित्र विचित्र जी महाराज
☛ Video Name: मैं तो रानी बनूँगी बृज धाम की
© Copyright: Vraj Bhav (बृज भाव)
☛ Video Name: मैं तो रानी बनूँगी बृज धाम की
© Copyright: Vraj Bhav (बृज भाव)
मैं तो दुल्हन बनुगी घनश्याम की
मैं तो दुल्हन बनुगी घनश्याम की,मैं तो रानी बनुगी ब्रज धाम की।
अपने पिया की मैं दुल्हन बन जाऊँगी,
वृंदावन की कुंज गलिन में झूमू नाचूँ गाऊँगी।
मेंरे कजरा लगा दो,
मेरे मेंहन्दी सजा दो।
इस चौपाई में कवि कह रही है कि वह अपने प्रियतम श्रीकृष्ण की दुल्हन बनना चाहती है। वह वृंदावन में अपने प्रियतम के साथ रहना चाहती है और उनकी सेवा करना चाहती है।
रग रग में मेरे रंगा है सांवरिया,
प्रीत लगा के मैं हुई रे बांवरियाँ।
मेरी लाली लगा दो,
मेरी बिंदिया सजा दो
मुझे चुंदरी सजा दो।
इस चौपाई में कवि कह रही है कि श्रीकृष्ण की प्रेम ने उसके पूरे शरीर को रंग दिया है। वह अब एक बांवरिया बन गई है, जो श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहती है। वह अपने प्रियतम की लाली, बिंदिया और चुंदरी पहनना चाहती है ताकि वह उनके जैसी दिख सके।
अपने प्यारे की मैं दुल्हन बन जाऊँगी,
दुल्हन बन जाऊंगी मैं श्याम श्याम गाऊँगी।
ओ मेरे महावर लगा दो
मुझे साड़ी पहना दो।
इस चौपाई में कवि अपने प्रियतम श्रीकृष्ण से प्रार्थना कर रही है कि वह उसकी दुल्हन बनने का सपना पूरा करें। वह चाहती है कि वह श्याम श्याम गाते हुए उनके साथ वृंदावन में रहे। वह अपने प्रियतम से अपने हाथों में महावर और अपने शरीर पर साड़ी पहनाने की भी प्रार्थना कर रही है।
यह गीत श्रीकृष्ण की भक्ति में एक महिला की भावनाओं को व्यक्त करता है। वह अपने प्रियतम की दुल्हन बनने का सपना देखती है और उनकी सेवा करना चाहती है।
श्री कृष्ण नाम जाप का महत्त्व और लाभ
श्री कृष्ण नाम जाप का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। वे प्रेम, करुणा, और ज्ञान के देवता हैं। उनके नाम का जाप करने से मनुष्य को इन सभी गुणों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
श्री कृष्ण नाम जाप के लाभ
श्री कृष्ण नाम जाप करने से मनुष्य को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
श्री कृष्ण नाम जाप करने के लिए किसी विशेष विधि की आवश्यकता नहीं है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। लेकिन, यदि आप नियमित रूप से और ध्यानपूर्वक इस नाम का जाप करते हैं, तो आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा।
श्री कृष्ण नाम जाप का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। वे प्रेम, करुणा, और ज्ञान के देवता हैं। उनके नाम का जाप करने से मनुष्य को इन सभी गुणों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
श्री कृष्ण नाम जाप के लाभ
श्री कृष्ण नाम जाप करने से मनुष्य को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- मन की शांति: श्री कृष्ण नाम जाप करने से मनुष्य के मन को शांति मिलती है। वह सभी प्रकार के तनाव और चिंताओं से मुक्त हो जाता है।
- आत्म-ज्ञान: श्री कृष्ण नाम जाप करने से मनुष्य को आत्म-ज्ञान प्राप्त होता है। वह अपने अस्तित्व और जीवन के उद्देश्य को समझ पाता है।
- मोक्ष: श्री कृष्ण नाम जाप करने से मनुष्य को मोक्ष प्राप्त होता है। वह इस जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है।
श्री कृष्ण नाम जाप करने के लिए किसी विशेष विधि की आवश्यकता नहीं है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। लेकिन, यदि आप नियमित रूप से और ध्यानपूर्वक इस नाम का जाप करते हैं, तो आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा।
- एकांत स्थान पर बैठ जाएं और अपने सामने श्री कृष्ण की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- अपने हाथों को जोड़कर श्री कृष्ण को प्रणाम करें।
- श्री कृष्ण नाम का जाप करें। आप किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं, जैसे कि "श्री कृष्ण, कृष्ण, हरे कृष्ण, हरे हरे"।
- जाप करते समय अपने मन को श्री कृष्ण के रूप और गुणों पर केंद्रित करें।
- जाप करते समय शांत और ध्यानपूर्वक रहें।