विण बोलियां सब कीछ जाणदा मीनिंग Vin Boleya Sabh Kish Janada Meaning Shabad Keetan Bhai Joginder Singh Ji Riar Ludhiana
गुरु नानक देव जी का यह एक पवित्र शबद (Ang 1420 ) है जिसे सभी के द्वारा अत्यंत ही श्रद्धा के साथ सुना जाता है। यह शबद पंजाबी भाषा में है, जिसका हिंदी अर्थ (Hindi Meaning) निचे दिया गया।
विण बोलियां सब कीछ जाणदा,
किस आगे,
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
बबिहा सगळी धरती जे फिरै,
उड़ चढ़े आकाश,
उड्ड चढ़े आकाश,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
सतगुरु मिलिए जल पाइए,
चूखे भूख पियास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
जियो पिंड सब तिस का,
सब किछ तिस कै पास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
नानक घट घट एको वरतदा,
शब्द करै प्रगास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
वाहेगुरु, वाहेगुरु,वाहेगुरु, वाहेगुरु।
किस आगे,
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
बबिहा सगळी धरती जे फिरै,
उड़ चढ़े आकाश,
उड्ड चढ़े आकाश,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
सतगुरु मिलिए जल पाइए,
चूखे भूख पियास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
जियो पिंड सब तिस का,
सब किछ तिस कै पास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
नानक घट घट एको वरतदा,
शब्द करै प्रगास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
वाहेगुरु, वाहेगुरु,वाहेगुरु, वाहेगुरु।
विण बोलियां सब कीछ जाणदा Vin Boleya Sabh Kish Janada
विण बोलियां सब कीछ जाणदा,
किस आगे,
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे,
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
विण बोलियां सब कीछ जाणदा किस आगे, कीजै अरदास,: वह (अकाल/ईश्वर ) तो बिना बोले ही सब कुछ जानता है। भाव है की वह पूर्ण परमात्मा है, वह आंशिक नहीं अपितु समग्र है। कण कण में वह है वास करता है। बिना बोले ही वह तो सब कुछ जानता है। घट घट में वह व्याप्त है इसलिए तुम किसके आगे अरदास करोगे, क्या इस जगत के आगे ? नहीं तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला वह परम पिता ही है जो बिना बोले ही तुम्हारे घट में क्या है जानता है।
शब्दार्थ :
विण : बिन (बिना बोले)
बोलियां : बोलना (बिना बोले ही )
सब कीछ : सब कुछ।
जाणदा : जानता है।
किस आगे : किसके आगे अरदास, विनय करोगे।
बोलियां : बोलना (बिना बोले ही )
सब कीछ : सब कुछ।
जाणदा : जानता है।
किस आगे : किसके आगे अरदास, विनय करोगे।
बबिहा सगळी धरती जे फिरै,
उड़ चढ़े आकाश,
उड्ड चढ़े आकाश,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
उड़ चढ़े आकाश,
उड्ड चढ़े आकाश,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
सतगुरु मिलिए जल पाइए,
चूखे भूख पियास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
चूखे भूख पियास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
जैसे बबिहा पक्षी समस्त धरती का चक्कर लगा लेता है लेकिन कहीं पर जल (मनवांछित) को प्राप्त नहीं कर पाता है, ऐसे ही जीवात्मा (व्यक्ति) एक स्थान से दूसरे स्थान पर ईश्वर और भक्ति की तलाश में भटकता रहता है। वस्तुतः वह अज्ञान के अँधेरे में होता है और वह किताबी ज्ञान, लोकाचार का पालन कर ईश्वर को ढूँढना चाहता है जो सम्भव नहीं है। सतगुरु से प्राप्त ज्ञान के आधार पर ही उसे जीवन और जीवन के उद्देश्य का ज्ञान हो पाता है। गुरु ही उसकी इस प्यास को बुझा पाते हैं।
बबिहा सगळी धरती जे फिरै : बबिहा पक्षी समस्त धरती में भटकता फिरता है, एक बून्द (स्वाति बून्द) की तलाश में।
उड्ड चढ़े आकाश : आकाश में ऊँची ऊँची उड़ान भरता है।
बबिहा : इसे चातक पक्षी भी कहा जाता है जिसे अंग्रेजी में रेन बर्ड Rain Bird (ਬੰਬੀਹਾ) कहा जाता है। .
सगळी : समस्त, सम्पूर्ण।
जे : जो।
फिरै : घूमता है, फिरता है।
उड्ड : उड़ता है।
चढ़े आकाश : आकाश की तरफ।
सतगुरु : ईश्वर।
मिलिए : मिलने पर (सतगुरु देव के मिलने पर ही )
जल पाइए : जल को प्राप्त करता है।
चूखे : दूर होती है, तृप्त होती है।
भूख पियास : भूख और प्यास दूर होती है।
बबिहा : इसे चातक पक्षी भी कहा जाता है जिसे अंग्रेजी में रेन बर्ड Rain Bird (ਬੰਬੀਹਾ) कहा जाता है। .
सगळी : समस्त, सम्पूर्ण।
जे : जो।
फिरै : घूमता है, फिरता है।
उड्ड : उड़ता है।
चढ़े आकाश : आकाश की तरफ।
सतगुरु : ईश्वर।
मिलिए : मिलने पर (सतगुरु देव के मिलने पर ही )
जल पाइए : जल को प्राप्त करता है।
चूखे : दूर होती है, तृप्त होती है।
भूख पियास : भूख और प्यास दूर होती है।
जियो पिंड सब तिस का,
सब किछ तिस कै पास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
सब किछ तिस कै पास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
जीव की देह (शरीर/तन) और इसमें प्राण तत्व आत्मा (जीवात्मा) सब का मालिक वह ईश्वर ही है। सब कुछ उसी का है और उसी के पास है। भाव है की व्यक्ति अपने तन को आत्मा से जोड़ कर नहीं देखता है। वह भूल जाता है की उसके हृदय में ही ईश्वर का वास है और प्रत्येक प्राणी उसी की रचना है। वही सर्वोच्च शक्ति है जो दयावान भी है।
जियो पिंड : जीव का पिंड (शरीर) आत्मा और शरीर।
सब तिस का : सभी उसी (ईश्वर) का ही बनाया हुआ है।
सब किछ तिस कै पास : सब कुछ उसी के पास है।
तिस का : उस का।
किछ : कुछ।
तिस कै : उसके।
सब तिस का : सभी उसी (ईश्वर) का ही बनाया हुआ है।
सब किछ तिस कै पास : सब कुछ उसी के पास है।
तिस का : उस का।
किछ : कुछ।
तिस कै : उसके।
नानक घट घट एको वरतदा,
शब्द करै प्रगास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
वाहेगुरु, वाहेगुरु,वाहेगुरु, वाहेगुरु।
शब्द करै प्रगास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
किस आगे, कीजै अरदास,
विण बोलियां सब कीछ जाणदा।
वाहेगुरु, वाहेगुरु,वाहेगुरु, वाहेगुरु।
वह तो घट घट में व्याप्त है और सर्वत्र उसका अस्तित्व है। शबद (ज्ञान वाणी) ही सभी को प्रकाशित करती है।
नानक : सतगुरुदेव नानक देव जी।
घट घट : हृदय में, प्रत्येक हृदय में।
एको : एक ही (ईश्वर / नानक देव जी )
वरतदा : सर्वत्र फैला हुआ है और हर तरफ व्याप्त है।
शब्द करै प्रगास : शबद ही प्रकाश पैदा करता है।
घट घट : हृदय में, प्रत्येक हृदय में।
एको : एक ही (ईश्वर / नानक देव जी )
वरतदा : सर्वत्र फैला हुआ है और हर तरफ व्याप्त है।
शब्द करै प्रगास : शबद ही प्रकाश पैदा करता है।
Vin Boleya Sabh Kish Janda - Bhai Joginder Singh Ji Riar Ludhiana | Shabad Kirtan | Amritt Saagar
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada,
Kis Aage,
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Babiha Sagali Dharati Je Phirai,
Ud Chadhe Aakaash,
Udd Chadhe Aakaash,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Sataguru Milie Jal Paie,
Chukhe Bhukh Piyaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Jiyo Pind Sab Tis Ka,
Sab Kichh Tis Kai Paas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Naanak Ghat Ghat Eko Varatada,
Shabd Karai Pragaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Vaaheguru, Vaaheguru,vaaheguru, Vaaheguru.
Kis Aage,
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Babiha Sagali Dharati Je Phirai,
Ud Chadhe Aakaash,
Udd Chadhe Aakaash,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Sataguru Milie Jal Paie,
Chukhe Bhukh Piyaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Jiyo Pind Sab Tis Ka,
Sab Kichh Tis Kai Paas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Naanak Ghat Ghat Eko Varatada,
Shabd Karai Pragaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Kis Aage, Kijai Aradaas,
Vin Boliyaan Sab Kichh Jaanada.
Vaaheguru, Vaaheguru,vaaheguru, Vaaheguru.
Author - Saroj Jangir
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