हरि गुरु हैं समान वेदवाणी है प्रमाण

हरि गुरु हैं समान वेदवाणी है प्रमाण

हरि–गुरु हैं समान, वेदवाणी है प्रमाण।
"यस्य देवे परा भक्तिः" — यह मंत्र धरु ध्यान।।

हरि में ही रह गुरु, गुरु में ही हरि जान,
हरि का ही दास गुरु, गुरु दास हरि जान।
हरि कृपा मिले गुरु, गुरु कृपा हरि जान।
हरि प्राण गुरु जान, गुरु प्राण हरि मान।।

"एष वै भगवान्" — कह भागवत मान,
"तस्मिंस्तज्जने" सूत्र, नारद बखान।
हरि तो है परोक्ष, प्रत्यक्ष गुरु जान।
जीव को तो दे प्रथम, गुरु ही तत्वज्ञान।।

गुरु साधना करावे, करे दिव्य प्रेमदान,
याते हरि–गुरु दोनों कह, गुरु है महान।
बिनु हरि भक्ति भी हो, गुरु भक्ति तत्व जान।
हरि भक्ति तो ‘कृपालु’ बिनु, गुरु हो न जान।।


हरि गुरु हैं समान, वेद वाणी है प्रमान!| Hari Guru Hai Saman, Ved Wadi Hai Praman

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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